CG News : 'छुकछुकिया' की स्पीड से चल रहा बड़ी लाइन का काम, गुणवत्ता का भी बुरा हाल... ठेकेदार काम में नहीं दिखा रहा है दिलचस्पी
इस नई पटरी पर जब बड़ी रेल दौड़ेगी तो विकास की कड़ी में यह मील का पत्थर साबित होगा। यात्रियों को वे तमाम सुविधाएं यहां हासिल हो जाएंगी जो रायपुर-बिलासपुर-दुर्ग-राजनांदगांव जैसे बड़े स्टेशन को मिलते हैं। बहरहाल काम बहुत ढीला चल रहा है। पढ़िए पूरी खबर...;
श्याम किशोर शर्मा-राजिम। रायपुर से राजिम के बीच छोटी रेल लाइन पर चलने वाली ट्रेन पिछले चार साल और साढ़े चार महीने से बंद है। अब इस रेल लाइन को अपग्रेड किया जा रहा है। राजिम से अभनपुर 17 किमी. की दूरी पर नई पटरी बिछाए जाने की तैयारी चल रही है। मंद गति और कछुआ चाल से हो रहे काम को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है कि, आखिर इस काम को लेने वाले जो भी ठेकेदार हों वह दिलचस्पी क्यों नहीं दिखा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक रेलवे ने 1 अरब रूपए का प्रोजेक्ट बनाया हुआ है। मगर काम स्तरहीन किया जा रहा है, मसलन समतल करने सिर्फ मिट्टी डाली जा रही है। मुरूम का नामोनिशान नहीं है। नदी किनारे से कुछ ही दूर जहां पुराना प्लेटफार्म था उसे डिस्पोज कर उसी जगह पर नया भवन बनाया जा रहा है। जानकार बता रहे हैं कि सारा काम गुणवत्ताहीन हो रहा है। रेलवे का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी यहां नजर नहीं आते और रही ठेकेदार की बात तो उन्हें काम के प्रति रूचि नहीं होना बता रहे हैं। ठेकेदार का आदमी जो काम को देख-रेख करता है वह भी बिहार का रहने वाला है। वह अभी छुट्टी में बिहार में है। उनसे जब काम के प्रगति के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उनका साफ कहना था कि काम हो रहा है, लेकिन प्रगति के बारे में अभी कुछ नही बता पाऊंगा। कहना न होगा इस नई पटरी पर जब बड़ी रेल दौड़ेगी तो विकास की कड़ी में यह मील का पत्थर साबित होगा। यात्रियों को वे तमाम सुविधाएं यहां हासिल हो जाएंगी जो रायपुर-बिलासपुर-दुर्ग-राजनांदगांव जैसे बड़े स्टेशन को मिलते हैं। बहरहाल काम बहुत ढीला चल रहा है।
इसी साल पूरा होना था काम, मगर...
प्रोजेक्ट मैनेजर विनय सिंह से 30 अगस्त को जब इस संबंध में जानकारी लिया गया था तो उन्होने बताया था कि, पटरी बिछाने और स्टेशन निर्माण सहित सौंदर्यीकरण का काम राजिम मेले के पहले फरवरी में पूर्ण हो जाएगा। लेकिन इन चार महीनो में जिस हिसाब से काम चल रहा है उससे तो ऐसा महसूस हो रहा है कि, अगले साल 2024 के राजिम मेला के पहले किसी भी हालत में बन पाना संभव नहीं दिख रहा है। मैनेजर श्री सिंह के दावे में कितना दम है यह तो आने वाला समय बताएगा। दी गई जानकारी के मुताबिक बड़ी रेल का स्टापेज राजिम और मानिकचौरी होगा। मानिकचौरी में भी स्टेशन बनेगा। इस पटरी में मालगाड़ी भी दौड़ेगी। 17 किमी के दायरे में 36 माईनर ब्रिज बनाया जाना है जो कि पूरा हुआ कि नही ये भी किसी को नही मालूम। एक मेजर ब्रिज भी बनना है उसकी प्रगति क्या है ये भी किसी को नहीं मालूम।
बरसात खत्म हुए दो माह बीते, फिर भी काम की गति मंद
जानकारी रखने वाले बता रहे हैं कि ठेकेदार को बारिशकाल का बहाना मिल गया है इस वजह से काम किंचित प्रभावित होने की बात कह रहा है। बारिश को खतम हुए दो महिने हो गए मगर काम रफ्तार नहीं पकड़ा है। पटरी बिछाने के पहले समतलीकरण का काम भी अधूरा है। मालूम हो कि रेलवे की जमीन से लगे हुए आस-पास के 45 लोगों को जमीन छोड़ने का नोटिस भी दिया जा चुका है। वहीं वार्ड नंबर 2 जो कि रेलवे लाइन के किनारे है, इस वार्ड के लोगों की सुविधा के लिए एक सड़क भी पटरी के किनारे से बनाकर मेन रोड में जोड़ी जाएगी। जहां पर पहले फाटक था वहां फाटक लगाई जाएगी।
अंचल को मिलेगी बेहतर रेल सुविधा
बताया जा रहा है कि, राजिम स्टेशन से पूरे देश के किसी भी हिस्से में जाने के लिए एडवांश बुकिंग की सुविधा उपलब्ध होगी। बड़ी रेल के शुरू हो जाने से राजिम सहित आस-पास के तमाम गांवों के लोगों को बेहतर यात्री सुविधाएं मिलेंगी वहीं समय और पैसे की बचत अलग होगी। मालूम हो कि 1888 में राजिम की छोटी रेल छुकछुकिया शुरू हुई थी जो शुरू से ही घाटे में चल रही थी। चूंकि छोटी रेल लाइन की वजह से रेलवे इस दिशा में ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहा था, इसलिए इसे बंद किया गया और नए सिरे से इसे बड़ी रेल लाइन में तब्दील कर लोगों को बेहतर सुविधा देने रेलवे ने कदम उठाया है, जिसकी सराहना समूचे क्षेत्र में हो रही है। हर वर्ग के लोगों ने प्रसन्नता जाहिर की है। लोग काफी उत्साहित है कि अपने शहर में सर्व सुविधायुक्त रेल्वे स्टेशन का निर्माण होने जा रहा है मगर ये निर्माण कब तक होगा इसकी बेसब्री से लोगों को प्रतिक्षा है।