CG NEWS : रेट कम, सोसाइटियों में 20 क्विंटल की खरीदी...इसलिए मंडी से किसानों ने मुंह मोड़ा...तीन दिन में पहुंचे सिर्फ 20 किसान

इस बार पुराने किसानों के साथ बड़ी संख्या में नए किसानों ने भी धान बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीयन (online registration)कराया है। पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ने से इस बार उपार्जन केंद्रों में भी हर रोज धान बेचने वाले किसानों की भीड़ देखी जा रही है। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2023-11-23 05:13 GMT

रायपुर। समर्थन मूल्य पर किसानों (farmers) से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी किए जाने का असर अब धान मंडियों में दिखने लगा है। पिछले वर्ष उपार्जन केंद्र में किसानों से समर्थन मूल्य पर प्रति एक 15 क्विंटल धान खरीदा जा रहा था, लेकिन इस बार 5 क्विंटल बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ कर दिया गया है। मंडियों के भाव से समर्थन मूल्य का भाव ज्यादा है। इस कारण से इस बार पुराने किसानों के साथ बड़ी संख्या में नए किसानों ने भी धान बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीयन (online registration)कराया है। पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ने से इस बार उपार्जन केंद्रों में भी हर रोज धान बेचने वाले किसानों की भीड़ देखी जा रही है।

इस भाव से लिया जाएगा धान

मंडियों में धान की क्वालिटी के अनुसार उसका भाव तय कर लिया जा रहा है। इसके तहत 1010 धान को न्यूनतम 1890 प्रति क्विंटल से लेकर 2000 रुपए क्विलंट तक, महामाया धान को न्यूनतम 1831 रुपए से 2007 रुपए क्विंटल की दर से लिया जा रहा है। वहीं सरना का भाव 1986 रुपए क्विंटल निर्धारित किया गया है, जबकि आरबीजी का भाव 2100 से लेकर 2180 रुपए क्विंटल तय किया गया है।

20 क्विंटल प्रति एकड़ होने से मंडियों में कम बेचना पड़ रहा धान

माना क्षेत्र के किसान नित्यानंद बर्मन, हरेकृष्णदास एवं भाठागांव निवासी बलीराम सोनकर ने बताया कि समर्थन मूल्य पर 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान के हिसाब से सरकारी समितियों में धान बेचने से अब बहुत कम किसानों को मंडियों में जाकर धान बेचना पड़ रहा है। नित्यानंद व हरेकृष्णदास ने बताया कि उनके खेतों में प्रति एकड़ में 20 से 25 क्विंटल धान की पैदावर होती है। हर साल वे 15 क्विंटल धान सरकारी समिति में बेचते थे तथा शेष बचा धान उन्हें मंडियों में कम दामों पर जाकर बेचना पड़ता था। इस बार भी उन्हें मंडी तो जाना पड़ेगा, लेकिन बहुत कम धान बेचने । के लिए जाना होगा।

तीन दिन में तुलसी-बाराडेरा मंडी में 2500 क्विंटल धान बिका

समर्थन मूल्य पर सहकारी समितियों में एक नवंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है। सहकारी समितियों में सिर्फ पंजीकृत किसान ही धान बेच रहे हैं, जबकि जो पंजीयन नहीं करा पाए हैं या फिर किसी ट्रस्ट या बिजनेस के रूप में धान की खेती कराते हैं, ऐसे किसान रायपुर जिले के तुलसी- बाराडेरा, खरोरा, आरंग और अभनपुर आदि मंडियों में धान बेचते हैं। तुलसी-बाराडेरा मंडी कृषि उपज मंडी समिति के सचिव प्रदीप शुक्ला ने बताया कि सहकारी समितियों में प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी के कारण इस बार मंडी में धान बेचने बहुत कम किसान आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिवाली त्योहार और विधानसभा चुनाव के कारण इस बार किसान 20 नवंबर से ही मंडी आना शुरू किए हैं। तीन दिन में लगभग 20 किसान ही धान बेचने पहुंचे हैं। इन किसानों से लगभग 2500 क्विंटल धान खरीदा गया है, जबकि पिछले वर्ष शुरुआती दिनों में ही दो से तीन गुना धान एवं 40 से ज्यादा किसान धान बेच चुके थे।

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