CG NEWS : डेढ़ माह पहले मिल चुकी लापरवाही की रिपोर्ट, निजी अस्पतालों पर अब तक नहीं हुई कार्रवाई
डेंगू के संक्रमण की शिकायत अब खत्म हो चुकी है, मगर महीनेभर पहले तक अस्पतालों में इसकी शिकायत वाले मरीजों की भरमार थी। पढ़िए पूरी खबर...;
रायपुर। डेंगू (dengue)के इलाज में लापरवाही की रिपोर्ट मिलने के डेढ़ माह बाद भी निजी अस्पतालों पर किसी तरह की कार्रवाई करने का वक्त स्वास्थ्य विभाग (health department) नहीं निकाल पाया है। रिपोर्ट में आधा दर्जन अस्पतालों (hospitals)में कोताही बरतने की बात सामने आई थी। इन प्रकरणों में नोटिस (notices)जारी कर विभागीय अफसर ठंडे पड़ गए। डेंगू के संक्रमण की शिकायत अब खत्म हो चुकी है, मगर महीनेभर पहले तक अस्पतालों में इसकी शिकायत वाले मरीजों की भरमार थी।
सरकारी आंकड़ों में दो दर्जन केस और अस्पतालों में सौ गुना अधिक मरीजों के इलाज को जांच के दायरे में लाया गया था। संदेह के दायरे में 50 से ज्यादा अस्पताल थे। मगर आधे को पहले ही क्लीन चिट दे दी गई थी। जांच टीम ने 25 निजी अस्पतालों के 327 प्रकरणों में दस्तावेज परखे थे। अधिकारियों को सौंपी गए रिपोर्ट में केवल आठ के डेंगू होने की पुष्टि की गई और बाकी में एलाइजा, सीरम सैंपल नहीं भेजने, प्रभावितों का इलाज बिना मच्छरदानी के करने जैसी लापरवाही का जिक्र किया गया था। रिपोर्ट के आधार जवाब मांगा गया और मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया
राज्य में एक हजार केस
डेंगू के मामले महीनेभर पहले ही रायपुर समेत अन्य जिले में कम हो गए थे, मगर रायगढ़ में इसकी शिकायत मिलती रही। बारिश के इस सीजन में डेंगू प्रभावितों का सरकारी आंकड़ा एक हजार तक पहुंच गया। अधिकारियों के मुताबिक रायगढ़ में डेंगू के केस इस माह नियंत्रण में आ चुके हैं।
गलती मानने पर संतुष्ट
सूत्रों के मुताबिक निजी अस्पतालों ने नोटिस पर गलती स्वीकारते हुए इसकी पुनरावृति नहीं होने का जवाब प्रस्तुत किया था। विभागीय अफसर ज्यादातर अस्पतालों के जवाब से संतुष्ट थे, मगर कुछ अस्पतालों पर जुर्माना जैसी कार्रवाई के संकेत दिए गए थे। बाद में विभिन्न व्यस्तता का हरिभा हवाला देकर प्रकरणों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
मच्छरदानी वितरण को अनुमति का इंतजार
मलेरिया उन्मूलन अभियान के दौरान स्वीकृत 16 लाख मच्छरदानी के वितरण के लिए चुनाव आयोग की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है। मच्छरदानी की खेप विलंब से छत्तीसगढ़ को मिली थी और आचार संहिता लागू हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मच्छरदानी वितरण के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गई है।