CG NEWS : शेर की दहाड़ सुनने जंगल सफारी पहुंचे सचिन को लौटना पड़ा बैरंग

शुक्रवार को सचिन तेंदुलकर रात में नवा रायपुर स्थित होटल मेफेयर में ठहरे हुए हैं। बताया जा रहा है, तेंदुलकर कान्हा से लौटने के बाद सीधे जंगल सफारी पहुंच गए थे। उनके साथ उनके सुरक्षा गार्ड तथा और कुछ लोग थे। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2023-10-28 05:54 GMT

रायपुर। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले भारत रत्न सचिन तेंदुलकर (Bharat Ratna Sachin Tendulkar) शुक्रवार को मध्यप्रदेश स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व (Kanha Tiger Reserve)की सैर कर लौटने के बाद जंगल सफारी (Jungle Safari)पहुंचे, लेकिन उन्हें वहां से बैरंग लौटना पड़ा। यह इसलिए क्योंकि सफारी का दरवाजा बंद हो चुका था। सचिन शाम 5 बजे के बाद पहुंचे थे और इसकी सूचना सफारी प्रबंधन को नहीं थी। गौरतलब है कि सचिन तेंडुलकर रायपुर के रास्ते कान्हा नेशनल पार्क की सैर करने के लिए पहुंचे थे। तेंदुलकर वापस रायपुर के रास्ते मुंबई लौट रहे है । उनकी सुबह सात बजे के करीब फ्लाइट है। शुक्रवार को सचिन तेंदुलकर रात में नवा रायपुर स्थित होटल मेफेयर में ठहरे हुए हैं। बताया जा रहा है, तेंदुलकर कान्हा से लौटने के बाद सीधे जंगल सफारी पहुंच गए थे। उनके साथ उनके सुरक्षा गार्ड तथा और कुछ लोग थे।

नहीं थी कोई पूर्व सूचना

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जंगल सफारी प्रबंधन से जुड़े एक अफसर के मुताबिक सचिन तेंदुलकर के सफारी पहुंचने की किसी भी तरह से पूर्व सूचना नहीं थी। इसके साथ ही प्रशासन की तरफ से उन्हें सचिन के जंगल सफारी आने की कोई सूचना नहीं दी गई थी। तेंदुलकर के जंगल सफारी आने की उन्हें पूर्व में सूचना मिल गई होती तो उन्हें पूर्व से जू के नियमों के बारे में जानकारी दे दी गई होती। साथ ही उन्हें सफारी में आने के समय के बारे में जानकारी दी गई होती, इससे तेंदुलकर समय पर सफारी पहुंचकर मानव निर्मित एशिया के सबसे बड़े सफारी की सैर करने का लुत्फ उठा सकते थे।

सचिन को अचानक देख सफारी प्रबंधन चौंका

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सचिन तेंदुलकर जिस समय जंगल सफारी पहुंचे थे. उस समय सफारी बंद हो गया था। सफारी में गिनती के कर्मचारी थे। अचानक अपने बीच सचिन तेंदुलकर को देख सफारी के कर्मचारी भौचक रह गए। इसके बाद कर्मचारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सचिन के सफारी पहुंचने की जानकारी की। इसके बाद आनन-फानन में अफसर सफारी पहुंचे और उन्हें जू की गाइड लाइन का हवाला देते हुए सफारी की सैर कराने में असमर्थता जताई।

जंगल सफारी की देश में अलग पहचान

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गौरतलब है कि, 320 हेक्टेयर में फैले जंगल सफारी का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2016 में किया था। एशिया का मानव निर्मित सबसे बड़ा सफारी होने की वजह से जंगल सफारी की देश में एक अलग पहचान है। जंगल सफारी की सैर करने देश की कई नामचीन हस्तियों के साथ जी 20 सम्मेलन में शामिल होने आए विदेशी प्रतिनिधि भी पहुचे थे। जंगल सफारी को देश में अलग पहचान होने की एक बड़ी वजह ओपन सफारी में बाघ, लॉयन, तेंदुआ सहित कई अन्य हिंसक प्रजाति के वन्यजीवों को खुले में विचरण करते देखना है।

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