CG NEWS : बिजली की तीन यूनिट ठप, पर संकट नहीं,सेंट्रल सेक्टर से लेनी पड़ रही रोज ढाई हजार मेगावाट से ज्यादा बिजली
प्रदेश में उत्पादन 22 सौ मेगावाट (MW)हो रहा है। इसकी आपूर्ति के लिए सेंट्रल सेक्टर(central sector)से इस समय ढाई हजार मेगावाट से ज्यादा बिजली लेने की जरूरत पड़ रही है। पीकऑवर में खपत पांच हजार मेगावाट तक जा रही है। पढ़िए पूरी खबर ...;
रायपुर। प्रदेश में अचानक बिजली(power)की कमी हो गई है, लेकिन बिजली संकट जैसी स्थिति नहीं है। कोरबा वेस्ट संयंत्र (Korba West plant)में 210 मेगावाट की तीन यूनिट ठप हो गई हैं। ऐसा होने से प्रदेश में उत्पादन 22 सौ मेगावाट (MW)हो रहा है। इसकी आपूर्ति के लिए सेंट्रल सेक्टर(central sector)से इस समय ढाई हजार मेगावाट से ज्यादा बिजली लेने की जरूरत पड़ रही है। पीकऑवर में खपत पांच हजार मेगावाट तक जा रही है। पढ़िए पूरी खबर ...
मानसून की विदाई तो नहीं हुई है, लेकिन बारिश न होने के कारण उमस की वजह से बिजली की खपत बढ़ गई है। कुछ समय पहले तक जो खपत चार हजार मेगावाट से पीकऑवर में साढ़े चार हजार मेगावाट तक जा रही थी, वह खपत दिन में जहां साढ़े चार हजार मेगावाट तक जा रही है, वहीं शाम को पीकऑवर में यह खपत पांच हजार मेगावाट तक पहुंच रही है। शाम के समय में उद्योग भी चलने लगते हैं।
सेंट्रल सेक्टर का सहारा
अपना उत्पादन कम होने के कारण सेंट्रल सेक्टर से अलग-अलग समय में जरूरत के हिसाब से बिजली ली जा रही है। यहां से रविवार को दिल्ली जा जहां 23 से 25 सौ मेगावाट बिजली ली गई, वहीं पीक ऑवर में खपत पांच हजार मेगावाट तक जाने पर सेंट्रल सेक्टर से 27 से 28 सौ मेगावाट बिजली ली गई। दो दिन पहले सेंट्रल सेक्टर से • बिजली कम मिलने के कारण उद्योगों की बिजली कुछ समय के लिए बंद की गई थी। पॉवर कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक अब उद्योगों को पूरी बिजली मिल रही है।
अपना उत्पादन घटा
कोरबा वेस्ट में 210 मेगावाट के चार और एक 500 मेगावाट का संयंत्र है। इसमें से 210 मेगावाट की तीन यूनिट बंद हो गई हैं। एक यूनिट पहले ही रखरखाव के कारण बंद की गई थी. दो यूनिट अचानक खराबी आने से बंद हो गई हैं। एक दिन पहले तक दो यूनिट बंद थीं, लेकिन रविवार को एक और यूनिट में खराबी आने के कारण यह बंद हो गई है। ऐसा होने से 630 मेगावाट का उत्पादन प्रभावित हो गया। छत्तीसगढ़ राज्य उत्पादन कंपनी के संयंत्रों की उत्पादन क्षमता 2960 मेगावाट है। इस समय अपना उत्पादन 22 सौ मेगावाट हो रहा है, वो भी तब की स्थिति में, जबकि बांगो बांध के पानी से बिजली का उत्पादन करने वाली 40 मेगावाट की तीन यूनिट चलाई जा रही हैं।