VIP रोड का बदला नाम : चंद्राकर बोले- कांग्रेस की राजनीति एक परिवार से शुरू और उसी पर खत्म होती है
श्री चंद्राकर ने कहा कि, अब कांग्रेसियों को प्रियंका गांधी के बच्चों के ऊपर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कांग्रेस के पास बताने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए बने बनाए संस्थानों का नाम बदल रहे हैं। योजनाओं का नाम बदल रहे हैं। उन्होंने और क्या कहा... पढ़िए...;
स्वप्निल गौरखेड़े-रायपुर। राजधानी रायपुर के VIP रोड का नाम बदलने पर पूर्व मंत्री और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। श्री चंद्राकर ने कहा है कि, यह ओछी मानसिकता और ओछी राजनीति है।
श्री चंद्राकर ने कहा है कि, कांग्रेस एक परिवार से आगे निकल नहीं सकती। इनका मेनिफेस्टो गांधी से शुरू होकर गांधी पर ही खत्म होता है। श्री चंद्राकर ने कहा कि, अब कांग्रेसियों को प्रियंका गांधी के बच्चों के ऊपर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कांग्रेस के पास बताने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए बने बनाए संस्थानों का नाम बदल रहे हैं। योजनाओं का नाम बदल रहे हैं। नाम में क्या रखा है, जनता जानती है निर्माण किसके द्वारा किया गया है।
75 पार का लक्ष्य : लोकसभा या विधानसभा के लिए?
कांग्रेस के 75 पार के लक्ष्य को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि, यह लक्ष्य विधानसभा के लिए है या लोकसभा के लिए है? उनहोंने कहा कि, छत्तीसगढ़ में तो भाजपा की बनेगी पूर्ण बहुमत की सरकार। हमने दिग्विजय घोड़ा ढील दिया है, रोक सकें तो रोक लें।
दो नंबर की शराब, रेत चोरी, लेवी वसूली... इन सबका प्रशिक्षण
कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने तीखा तंज किया है। उनहोंने कहा है कि, कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देना आवश्यक है। इन्होंने साढ़े चार सालों में जो स्टार्टअप शुरू किए हैं, उसके बारे में जानकारी देना चाहिए। दो नंबर में शराब कैसे बेचना... रेत की चोरी कैसे की जाती है... कोयले में लेवी वसूली कैसे होती है? उसके बारे में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देना जरूरी है।
विपक्ष का सामना करने की नैतिक ताकत नहीं
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा है कि, विधानसभा का सत्र 4 दिन का रखा गया है। इसका मतलब है सरकार के पास कोई दृष्टिकोण नहीं है। सरकार जनता का सामना करने के लिए तैयार नहीं है। सरकार के चारों पांचों बजट सत्र पूरे दिन नहीं चले। सत्रावसान करना सरकार की प्रवृत्ति है। विपक्ष का सामना करने का भूपेश जी में नैतिक ताकत नहीं है।