छत्तीसगढ़ का अमरूद हिमाचल के सेब से महंगा, पहली बार अमरूद की कीमत पहुंची 80-100 रूपये

प्रदेश के बगीचों के अमरूद की डिमांड देशभर में होने लगी है। इससे इसकी कीमत में भारी उछाल आ गया है। कभी 20-30 रुपए प्रति किलो बिकने वाला अमरूद आज 80-100 रुपए तक बिकने लगा है जबकि फल मार्केट में हिमाचल का सेब की कीमत थोक में 80-100 रुपए है।;

Update: 2021-02-12 18:19 GMT

प्रदेश के बगीचों के अमरूद की डिमांड देशभर में होने लगी है। इससे इसकी कीमत में भारी उछाल आ गया है। कभी 20-30 रुपए प्रति किलो बिकने वाला अमरूद आज 80-100 रुपए तक बिकने लगा है जबकि फल मार्केट में हिमाचल का सेब की कीमत थोक में 80-100 रुपए है। इस तरह छत्तीसगढ़ का अमरूद मांग व कीमत में हिमाचल-शिमला के सेब को टक्कटर दे रहा है।

राजधानी के थोक फल व्यापारी विजय चौधरी ने बताया कि राज्य के प्रमुख अमरूद उत्पादक जिला बेमेतरा-बेरला, महासमुंद, दुर्ग-पाटन का हाईब्रीड व सामान्य दोनों ही प्रकार के अमरूद की किस्म का दिल्ली से लेकर कोलकाता, गुजरात, यूपी, बिहार तक भारी डिमांड हो रही है। देश के दूसरे राज्यों में भी सड़क व रेल मार्ग से अमरूद भेजा जा रहा है। स्थानीय अमरूद की देश के दूसरे राज्यों में बढ़ती मांग के कारण पहली बार इस साल प्रदेश में ही अमरूद चिल्हर फल दुकानों में 100 रुपए के आसपास बिकने लगा है।

छत्तीसगढ़ के बगीचों के अमरूद की मिठास व क्वालिटी के लोग दीवाने हो रहे हैं। इस वजह से दूसरे राज्य के थाेक व्यापारी सीधे प्रदेश के अमरूद उत्पादक किसानों से संपर्क कर अमरूद खरीदकर ले जा रहे हैं। इससे स्थानीय अमरूद उत्पादक किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है। हालांकि अमरूद की कीमत बढ़ने से राज्य के विशेषकर शहरी क्षेत्र के लोगों को महंगे दाम पर खरीदकर अमरूद का स्वाद लेना पड़ रहा है।

अमरूद बन रहा मुनाफे का जरिया

फलों के थोक व्यापारियों ने बताया कि अमरूद की खेती राज्य के स्थानीय किसानों के लिए पिछले कुछ सालों में मुनाफे की खेती साबित हो रही है। दूसरे राज्यों में मांग होने से उत्पादक किसानों को घर बैठे खरीदार व अच्छी कीमत मिल रही है। यही वजह है कि अमरूद उत्पादक किसान स्थानीय फल मंडी में बहुत कम मात्रा में अमरूद बेच रहे हैं। अमरूद की पूरी खेप बाहर सप्लाई हो रही है। इससे स्थानीय फल बाजार में अमरूद की आवक कम हो रही है।

इधर बाजार में संतरा की आवक घटी

फल बाजार में अभी सबसे ज्यादा महाराष्ट्र से केला, अंगूर और किन्नू, खरबूजा, ककड़ी की आवक हो रही है। केला थोक में 13-16 रुपए किलो एवं अंगूर 40-75 रुपए किलो और किन्नू 45-55 रुपए किलो बिक रहा है जबकि संतरा की आवक नहीं के बराबर है। थोक व्यापारियों का कहना है कि संतरा का उत्पादन इस साल अच्छा नहीं होने से उसकी आवक प्रभावित हुई है। मार्च से इसकी थोड़ी बहुत आवक बढ़ने की संभावना है।

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