15 साल संघर्ष के बाद भी निगम-मंडल के लिए ऐसी मारामारी, कई दिग्गजों को नहीं जगह

छत्तीसगढ़ की सियासत में 15 साल तक लगातार विपक्ष में रहने और संघर्ष करने के बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार ने अब तक तीन किस्तों में निगम, मंडल, आयोग, प्राधिकरण की सूचियां जारी की हैं लेकिन अब भी पार्टी के कई नेताओं का इंतजार खत्म नहीं हुआ है। जिनके नाम अब तक किसी भी सूची में नहीं आए हैं।;

Update: 2021-07-25 01:43 GMT

छत्तीसगढ़ की सियासत में 15 साल तक लगातार विपक्ष में रहने और संघर्ष करने के बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार ने अब तक तीन किस्तों में निगम, मंडल, आयोग, प्राधिकरण की सूचियां जारी की हैं लेकिन अब भी पार्टी के कई नेताओं का इंतजार खत्म नहीं हुआ है। जिनके नाम अब तक किसी भी सूची में नहीं आए हैं। इस बीच सरकार के कार्यकाल के ढाई साल पूरे हो चुके हैं लेकिन कोई सम्मानजनक स्थान न मिल पाने की टीस नेताओं को परेशान किए हुुए है।

दावेदार अधिक, सबको अपेक्षा

कांग्रेसी राजनीति के जानकार मानते हैं कि 15 साल बाद सरकार में आने से पार्टी कार्यकर्ताओं नेताओं में काफी अधिक उत्साह बना था। यही वजह है कि नेताओं को इस बात की उम्मीद बंधी थी कि उन्हें निगम, मंडल, आयोग, प्राधिकरण में कोई न कोई सम्मानजनक पद मिलेगा। इसकी वजह से नेताओं की अपेक्षाएं जाहिर तौर पर बढ़ी ही हैं लेकिन सत्ता, संगठन व सरकार जरूरत तथा प्राथमिकता के आधार पर ही पद दे सकती है।

सूची का इंतजार हुआ लंबा

इस मामले को लेकर एक अहम बात ये भी है कि राज्य सरकार द्वारा निगम, मंडल में नियुक्तियों के लिए काफी समय लिया गया। इस बीच नेताओं को लंबे समय तक इंतजार करते हुए सूची की राह देखनी पड़ी। अब सरकार का आधा कार्यकाल समाप्त हो चुका है लेकिन फिर भी कई वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं और खासकर 15 साल संघर्ष के साथी रहने वालों को अपना नाम सूची में आने की उम्मीद है।

कई दावेदारों को अब भी इंतजार

इधर लंबे इंतजार के बाद एक-एक करके तीन सूचियां आने के बाद भी कई नेता ऐसे हैं जिन्हें अब तक केवल इंतजार ही करना पड़ रहा है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार जो नेता अब तक दावेदारों की सूची में शामिल रहे हैं उनमें कई नाम हैं। कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी, वित्त आयोग के दावेदार थे लेकिन सरकार ने एक पूर्व नौकरशाह को यह पद दे दिया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह के बारे में माना जा रहा है कि उन्हें ब्रेवरेज कार्पोरेशन का अध्यक्ष बनाया जा सकता है लेकिन इस कार्पोरेशन के लिए अभी तक नाम तय नहीं हुआ है।

बस्तर के कांग्रेस नेता मलकीत सिंह गैंदू के बारे में माना जा रहा था कि उन्हें भी पद मिलेगा। बिलासपुर की पूर्व मेयर वाणी राव भी दावेदार हैं। पूर्व मंत्री बदरुद्दीन कुरैशी (भिलाई), प्रदेश कांंग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला, घनश्याम राजू तिवारी, प्रतिमा चंद्राकर (दुर्ग) मनीष सिंह (बस्तर) चंद्रशेखर शुक्ला, रवि घोष, अशोक अग्रवाल (बिलासपुर) गजराज पगारिया, अमरजीत चावला (महासमुंद) सहित कुछ अन्य नेता भी शामिल हैं।

पुनिया के सामने फूट सकता है गुस्सा

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया तीन दिनों के छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि एक बार फिर निगम मंडलों में एडजस्ट करने का इंतजार कर रहे नेताओं का गुस्सा पुनिया के सामने फूट सकता है। पुनिया ने पहली बार निगम, मंडल, आयोगों और प्राधिकरणों में नियुक्त पदाधिकारियों की भी बैठक रखी है। समझा जा रहा है कि वे पदाधिकारियाें के संबंध में फीडबैक लेंगे। इसी के साथ वरिष्ठ कांग्रेसी जब पुनिया से मुलाकात करेंगे तो उनकी पीड़ा बाहर आ सकती है।


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