1 नवंबर को 22 साल का होगा छत्तीसगढ़ : जश्न की तैयारियां शुरू, आदिवासी नृत्य महोत्सव के अलावा भी होंगे अनेक आकर्षण
स्थापना दिवस का कार्यक्रम राजधानी में 1 से 3 नवम्बर तक होगा। वहीं जिला मुख्यालयों में केवल 1 दिन एक नवम्बर को मनाया जायेगा। और क्या-क्या हैं तैयारियां... पढ़िए...;
रायपुर। छत्तीसगढ़ एक नवम्बर को अपना 22 वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। प्रदेश सरकार स्थापना दिवस धूमधाम से मनाने की तैयारी में जुटी है। स्थापना दिवस का कार्यक्रम राजधानी में 1 से 3 नवम्बर तक होगा। वहीं जिला मुख्यालयों में केवल 1 दिन एक नवम्बर को मनाया जायेगा। इस कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के कलाकारों के अलावा कई दूसरे देशों के कलाकार भी रायपुर पहुंचने वाले हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज शाम 4 बजे साइंस कॉलेज मैदान पहुंचकर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की तैयारियों का जायजा लेंगे।
राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में तीन दिवसीय भव्य कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर के स्थानीय कलाकारों को सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम आयोजन के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिये है। राजधानी में राज्योत्सव स्थल पर विभागीय प्रदर्शनी लगायी जाएगी, जिसमें प्रदेश सरकार की योजना, विकास कार्य और महत्वपूर्ण उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा।
कार्यक्रम की जिम्मेदारी संस्कृति विभाग की
राज्योत्सव की जरूरी तैयारियों की जिम्मेदारी संस्कृति विभाग को सौंपी गई है, इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। विदित हो कि एक नवंबर को राज्य अलंकरण समारोह में विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान किए जाने वाले सम्मान और पुरस्कार भी दिये जाएंगे।
देश-विदेश के आदिवासी कलाकार होंगे शामिल
हर साल की तरह इस साल भी दुनियाभर के ट्राइबल कल्चर को एक मंच दिया जा रहा है। देश के सभी अनेक देशों, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के आदिवासी कलाकारों को छत्तीसगढ़ आने का न्योता दिया गया है। इसके लिए राज्य के जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदारी दी गई थी। नेताओं ने अलग-अलग राज्य जाकर न्योता दिया।
साइंस कॉलेज मैदान में होगा भव्य आयोजन
राज्योत्सव का भव्य कार्यक्रम साइंस कॉलेज मैदान में होगा। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के प्रतिभागी कलाकारों के ठहरने की व्यवस्था संस्कृति विभाग ने की है। महोत्सव के दौरान यातायात व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था, पेयजल, अग्निशमन दल, शौचालय इत्यादि की व्यवस्था करने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।