पढ़ने के बदले स्कूल की सफाई : नाली साफ करते दिखे छात्रा, प्रधान पाठक ने कहा- स्कूल सबका है तो इसमें गलत क्या?
स्कूल में बेहतर ज्ञान और शिक्षा देकर बच्चे के भविष्य को संवारने का काम किया जाता है। ऐसी सोच रखकर यदि आप अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजते हैं तो सतर्क हो जाइए। स्कूल के कार्यकलापों पर भी अपनी नजर रखें। क्या है मामला पढ़िए पूरी खबर...;
कोरिया। स्कूल में बेहतर ज्ञान और शिक्षा देकर बच्चे के भविष्य को संवारने का काम किया जाता है। ऐसी सोच रखकर यदि आप अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजते हैं तो सतर्क हो जाइए। स्कूल के कार्यकलापों पर भी अपनी नजर रखें। कहीं आपके बच्चे से स्कूल के शिक्षक शौचालय या नाली तो साफ नहीं करा रहे।
विद्यार्थियों से कराई जा रही स्कूल में नाली की साफ-सफाई
दरअसल छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में स्थित भरतपुर विकासखंड के ग्राम कमर्जी के प्राथमिक स्कूल की नाली जाम थी। शिक्षक नाली को मजदूर से साफ न कराकर स्कूल के बच्चों से ही साफ करा रहे थे। इस संबंध में प्रधान पाठक से पूछा गया कि क्यों बच्चों से नाली साफ कराया जा रहा है तो उनका जवाब था कि अन्य कर्मी अभी स्कूल नहीं आ रहे हैं तो कौन साफ-सफाई करेगा, विद्यालय सबका है तो इसमें क्या गलत है।
बता दें कि सरकार की ओर से स्कूल की साफ-सफाई के लिए हर साल स्कूल के विकास और मरम्मत कार्य के लिए पैसे दी जाती है। इन मदों का प्रयोग विद्यालय प्रबंधन विद्यालय का रंग-रोगन, साफ-सफाई, विद्यालय के टूटी-फूटी फर्श का मरम्मत आदि कार्य करा सकते हैं। बावजूद शिक्षकों की ओर से पढ़ने वाले बच्चों से ही इस तरह का कार्य करवाया जा रहा है। वहीं स्कूलों की व्यवस्था और स्कूल कर्मियों के न आने पर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी लक्ष्मण शर्मा से बात करने पर उन्होंने कहा कि आपके हर सवाल का जवाब जिला शिक्षा अधिकारी देंगे, कार्यवाही करने का अधिकार हमारे पास नहीं है, उन्हीं के पास है। देखिए वीडियो-