सोशल मीडिया पर भिड़े सीएम और पूर्व सीएम : एक-दूसरे को याद दिला रहे घोटाले... पार्टी के दूसरे नेता भी सोशल मीडिया वार में कूदे
मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक नई जंग शुरू हो गई है। शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के प्रियदर्शिनी सहकारी बैंक घोटाले के आरोपी के नार्को टेस्ट का वीडियो जारी करते हुए, लिखा कि-हियर इज स्पेशल प्री दिवाली गिफ्ट फार भ्रष्टाचार के अंतरराष्ट्रीय पितामह... फिर इसका जवाब कैसे आया... पढ़िए पूरी खबर...;
रायपुर। प्रदेश में ईडी की कार्रवाई को लेकर सियासत जारी है। पक्ष और विपक्ष के बीच भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर अब भी जारी है। मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक नई जंग शुरू हो गई है। शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के प्रियदर्शिनी सहकारी बैंक घोटाले के आरोपी के नार्को टेस्ट का वीडियो जारी करते हुए, लिखा कि-हियर इज स्पेशल प्री दिवाली गिफ्ट फाॅर भ्रष्टाचार के अंतरराष्ट्रीय पितामह।
दरअसल इस वीडियो में इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला सहकारी बैंक घोटाले की कहानी और एक आरोपी उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट की वीडियोग्राफी का हिस्सा है। यह घोटाला 2007 में सामने आया था, वह भी बैंक बंद होने के बाद। आरोप है कि बैंक प्रबंधन और संचालक मंडल ने 54 करोड़ रुपयों की हेराफेरी की थी। इस मामले में आंदोलनों के बाद एफआईआर हुई। पुलिस ने प्रबंधन से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन सभी जमानत पर बाहर आ गए। इसी दौरान पुलिस ने बैंक के प्रबंधक उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट कराया था। इसमें उन्होंने बताया था कि मामले को दबाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित चार मंत्रियों को चार करोड़ रुपए दिए गए थे।
इसमें मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा तत्कालीन गृह और सहकारिता विभाग के मंत्री रामविचार नेताम, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अमर अग्रवाल का नाम लिया था। इसमें तत्कालीन डीजीपी ओपी राठौर को भी एक करोड़ रुपए दिए जाने की बात कही गई थी। पुलिस ने नार्को टेस्ट की यह सीडी कभी न्यायालय में पेश ही नहीं की थी। पांच साल बाद 2013 में जब यह सीडी बाहर आई, तो छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा बवाल मचा था। हालांकि इन आरोपों के बाद भी भाजपा 2014 का विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रही थी।
आखिर क्या है प्रियदर्शनी बैंक का मामला ?
इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक 1995 में खुला था। इसका मुख्यालय सदर बाजार में था। यह पूरी तरह महिलाओं के लिए संचालित था। शहर में इसकी दो अन्य शाखाएं भी थी। यह बैंक अच्छा कारोबार कर रहा था। इसके अंतिम दिनों में भी 25 हजार से अधिक ग्राहक इससे जुड़े थे। बाद में संचालक मंडल और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से घोटाले की बात सामने आई थी। रकम के घालमेल की वजह से 2006 में यह बैंक बंद हो गया था। सरकार ने इस पर प्रशासक बिठा दिया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने भी साझा की प्रेस विज्ञप्ति
मुख्यमंत्री के ट्वीट के करीब तीन घंटे बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में चल रहे छापे को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की प्रेस विज्ञप्ति साझा की। उन्होंने लिखा-यह लो 25 रुपया प्रति टन का साक्ष्य। आगे की कार्रवाई के लिए तैयारी कर लें साथ ही अब माफी भी मांग लीजिए। सारे नाम सामने आएंगे, सारे भ्रष्टाचार उजागर होंगे, सच सामने आएगा, सब सामने आएगा।
भाजपा की लिखी पटकथा को अंजाम दे रही ED
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में चल रही ED की कार्रवाई को फिर से भाजपा की साजिश बताया है। प्रदेश में कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि रमन सिंह ने दो दिन पहले पत्रकार वार्ता में इन बातों को कहा था कि "जो आज ED दोहरा रही है।" इनके बयानों से ऐसा लग रहा है कि ED ने रमन सिंह और भाजपा की ओर से लिखी पटकथा को अंजाम देने के लिए सारी कवायद की है। शुक्ला ने कहा कि छापे में क्या मिलने वाला है ? यह रमन सिंह को छापे के पहले से पता था। क्या यह संयोग है या प्रयोग?
जनता की जेब में जाने वाला पैसा, अधिकारियों के घर से कैसे निकला ?
इस पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री बोल रहे हैं कि हम जनता की जेब में पैसा डाल रहे हैं, तो दूसरी तरफ अधिकारियों के घर से पैसा क्यों निकल रहा है ? अधिकारियों की गिरफ्तारी हो रही है। उनके यहां से जो निकल रहा है, वह आखिर कहां से आ रहा है? भाजपा विधायक ने कहा कि भाजपा अपनी लड़ाई लड़ने में सक्षम है। भाजपा को किसी एजेंसी का सहारा लेने की कोई जरूरत नहीं है। जांच एजेंसी स्वतंत्र रूप से काम करती हैं। उनके काम पर वाद-प्रतिवाद करने का कोई प्रश्न ही नहीं है।