मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर केंद्र सरकार ने उद्योगों को ऑक्सीजन देने की दी मंजूरी

प्रदेश के मिनी स्टील प्लांट और रोलिंग मिलों की सांसें ऑक्सीजन मिलने से अब वापस लौट आई हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर केंद्र सरकार ने उद्योगों को ऑक्सीजन देने की मंजूरी दी है। उद्योगों को अब 20 फीसदी ऑक्सीजन दी जा रही है। इससे अब सारे उद्योग वापस चलने लगे हैं। इसके पहले 80 फीसदी उद्योग बंद हो गए थे।;

Update: 2021-05-30 01:21 GMT

प्रदेश के मिनी स्टील प्लांट और रोलिंग मिलों की सांसें ऑक्सीजन मिलने से अब वापस लौट आई हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर केंद्र सरकार ने उद्योगों को ऑक्सीजन देने की मंजूरी दी है। उद्योगों को अब 20 फीसदी ऑक्सीजन दी जा रही है। इससे अब सारे उद्योग वापस चलने लगे हैं। इसके पहले 80 फीसदी उद्योग बंद हो गए थे।

केंद्र सरकार ने देश में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए उद्योगों को दी जाने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई पर 22 अप्रैल से रोक लगा दी थी। इस रोक के बाद से ही उद्योग संकट में आ गए। सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत मिनी स्टील प्लांट, रोलिंग मिल और स्पंज आयरन को पड़ती है। प्रदेश में 120 मिनी स्टील प्लांट हैं। इसी के साथ 185 रोलिंग मिल और करीब सौ स्पंज आयरन हैं।

ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत मिनी स्टील प्लांट और रोलिंग मिलों को पड़ती है। उद्योगपतियों के मुताबिक छोटे प्लांट में रोज 5 से 7 और बड़े प्लांट में 10 से 15 ऑक्सीजन सिलेंडर लगते हैं। एक उद्योग 8 से 10 दिनों का ही स्टॉक अपने पास रखता है। 22 अप्रैल को केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की सप्लाई बंद करने का आदेश दिया। इसके बाद से उद्योगों में सप्लाई बंद हो गई। ऐसा होने से 80 फीसदी मिनी स्टील प्लांट और रोलिंग मिलें बंद हो गईं।

केंद्र सरकार को कराया अवगत

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा में उनको उद्योगों को ऑक्सीजन देने की मांग रखी थी। इसके बाद केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को इस संबंध में पत्र लिखकर यह अवगत कराया था कि राज्य में कोरोना महामारी की स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है। ऑक्सीजन उत्पादक इकाईयों को ऑक्सीजन की मांग के अभाव में क्षति हो रही है तथा ऑक्सीजन की कमी के कारण राज्य की सभी स्टील निर्माता इकाईयां बंद पड़ी हैं जिसके कारण लाखों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं।

इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य की स्टील निर्माता इकाईयों को राज्य में उत्पादित 20 प्रतिशत मात्रा (92 मीट्रिक टन) ऑक्सीजन के उपयोग की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि भविष्य में किसी भी समय अतिरिक्त मेडिकल ऑक्सीजन की मांग यदि उत्पन्न भी होती है तो स्टील निर्माता इकाईयों को ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकी जा सकती है। इस पत्र के बाद केंद्र सरकार ने उद्योगों को ऑक्सीजन देने की मंजूरी दी।

अब परेशानी नहीं

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर केंद्र सरकार ने उद्योगों को ऑक्सीजन देने की मंजूरी दी है। अब उद्योगों को ऑक्सीजन मिलने लगी है। ऐसा होने से उद्योगों में तालाबंदी का खतरा टल गया है।

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