छग को इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क की सौगात, भूपेश बोले- राज्य में खोलेंगे 110 पार्क

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को वर्चुअल कार्यक्रम में रायपुर जिले के तिल्दा ब्लाक स्थित बेमता-सरोरा में निजी क्षेत्र के इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क का शुभारंभ कर प्रदेश को एक नई सौगात दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि यह अच्छी बात है कि निजी क्षेत्र ने यहां के किसानों के लिए फूड पार्क बनाने का फैसला किया है।;

Update: 2021-06-04 01:23 GMT

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को वर्चुअल कार्यक्रम में रायपुर जिले के तिल्दा ब्लाक स्थित बेमता-सरोरा में निजी क्षेत्र के इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क का शुभारंभ कर प्रदेश को एक नई सौगात दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि यह अच्छी बात है कि निजी क्षेत्र ने यहां के किसानों के लिए फूड पार्क बनाने का फैसला किया है। हमारी सरकार भी राज्य में 110 फूड पार्क बनाने वाली है। इसके लिए जमीन भी चिंहित कर ली गई है। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण रामेश्वर तेली, छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा समेत कई अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन दैनिक हरिभूमि और आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना सहित किसानों और वनवासियों के हित में निजी क्षेत्र द्वारा की जाने वाली हर पहल को राज्य सरकार हरसंभव मदद देगी। मुख्यमंत्री ने कहा, यह प्रसन्नता का विषय है कि निजी क्षेत्र के उद्यमियों ने छत्तीसगढ़ में साग-सब्जियों और फलों के प्रसंस्करण की संभावनाओं को परखा है और वे खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अपनी भागीदारी तेजी से बढ़ा रहे हैं।

श्री बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि किसानों को उनके उत्पाद की सही कीमत मिल सके। इसके लिए उपज की सुरक्षा, भंडारण और प्रसंस्करण के लिए फूड पार्क की एक व्यापक श्रृंखला की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 110 फूड पार्क स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जमीनों का चिन्हांकन किया जा चुका है। प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में कम से कम एक फूड पार्क की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ में सभी तरह के फल और सब्जियों का भरपूर उत्पादन होता है। कई बार किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता। प्रदेश में वनोपजों का भी भरपूर उत्पादन होता है, लेकिन वनोपजों के संग्रहण और प्रसंस्करण की सुव्यवस्थित प्रणाली नहीं होने के कारण कई अवसरों पर संग्राहकों को समुचित आर्थिक लाभ नहीं मिल पाता है। श्री बघेल ने कहा है कि किसानों और वनवासियों को उनके उत्पादों का सही मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार ने इन उत्पादों को क्षेत्रवार चिन्हित कर उनके प्रसंस्करण का कार्य शुरू किया है। वनोपजों को संग्रहित करने वाले स्व-सहायता समूहों के माध्यम से उनके प्रसंस्करण के लिए वन-धन केंद्रों की स्थापना की गई है।

छत्तीसगढ़ के किसानों का बदलेगा जीवन: तोमर

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस अवसर पर कहा है कि फूड पार्क के प्रारंभ होने से छत्तीसगढ़ के किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। इसका लाभ गरीब किसानों को मिलेगा और उनका जीवन स्तर बदलेगा। श्री तोमर ने कहा है कि यह एक अच्छी बात है कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर एक नई संस्था का शुभारंभ कर रहे हैं। इससे एक नया आयाम जुड़ेगा। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भी होगी।

उन्हाेंने कहा है कि कृषि को समृद्ध बनाने और किसानों की आमदनी को बढ़ाने के क्षेत्र में लगातार प्रयास हो रहे हैं। राज्य सरकार के साथ मिलकर किसानों की आय बढ़ाने की योजनाओं पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा है कि एक समय ऐसा था, जब देश में कृषि का काम ईश्वर पर निर्भर था। अच्छी बारिश होने से ही अच्छी फसल होती थी समय के साथ सब बदला है कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए लगातार काम हो रहे हैं। अर्थव्यवस्था को ताकतवर बनाने का जिम्मा केंद्र के साथ राज्य सरकार का भी है। किसानों की फसल ज्यादा हो उनको फसल की सही कीमत मिल सके इसके लिए फूड पार्क जैसी योजनाएं जरूरी हैं।

रूद्रसेन की टीम करेगी सफल संचालन

श्री तोमर ने कहा है कि इस अवसर पर फूड पार्क के मुखिया रूद्रसेन सिंधु और सत्यपाल सिंधु भी उपस्थित हैं। उनकी टीम ने एक अच्छा काम किया है, जिसका फायदा छत्तीसगढ़ के किसानों को होगा। मैं उम्मीद करता हूं, इनकी टीम फूड पार्क के संचालन में सफल होगी। उनके प्रयासों से छत्तीसगढ़ में एक अलग आयाम स्थापित होंगे और किसानों का जीवन बदलेगा।

फूड पार्कों के लिए जमीन देने का प्रावधान : लखमा

केंद्रीय राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने कहा है कि फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना लागू की गई है। छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति में फूड पार्कों की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र को भूमि आवंटन के साथ अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।

अब टमाटर फेंकने नहीं पड़ेंगे : सोनी

कार्यक्रम में शामिल रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुनील सोनी ने कहा, प्रदेश को ऐेसे फूड पार्क की बहुत ज्यादा जरूरत थी। यहां के किसानों को टमाटर की सही कीमत न मिलने पर टमाटर सड़क पर फेंकने पड़ते थे लेकिन अब इस फूड पार्क की स्थापना से किसानों को उनके टमाटर के सही दाम मिलेंगे और टमाटर और अन्य उत्पादों को फेंकने की नौबत नहीं आएगी। उन्होंने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर प्रदेश की आर्थिक उन्नति के लिए प्रयास करेंगे। उम्मीद करते हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केंद्र को ऐसे प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे। बलौदाबाजार के विधायक प्रमोद शर्मा ने कहा है कि अब किसानों की फसल बर्बाद नहीं होगी और उनको प्रोत्साहन मिलेगा। किसानों को नई फसलें लगाने की भी प्रेरणा मिलेगी।

यह होगा फूड पार्क में

रायपुर जिले के ग्राम बेमता-सरोरा में केंद्र सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना और मेगा फूड पार्क योजना के अंतर्गत विकसित किए गए इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क में फलों और सब्जियों के गूदे और टमाटर, आम, ब्लूबेरी, पपीता, अमरूद, आंवला और लौकी, करेले के गूदे, जूस तैयार करने की अंतर्राष्ट्रीय मानक की प्रसंस्करण और पैकेजिंग सुविधाएं उपलब्ध हैं।

इसके अलावा मटर, आम के स्लाइस, पपीते के स्लाइस, पत्तेदार सब्जियों के लिए फूड पार्क में 6650 मीट्रिक टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज व 22 हजार मीट्रिक टन ड्राई वेयरहाउस की सुविधा भी उपलब्ध है। उत्पादों की गुणवत्ता परीक्षण के लिए फूड पार्क में अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित की गई है। फूड पार्क में छोटी इकाइयों और प्रोसेसर के लिए 150 वर्ग गज के प्लग एंड प्ले शेड बनाए गए हैं। फूड पार्क में चावल, दूध, मक्का, तेल, टमाटर आधारित प्रसंस्करण इकाइयों के लिए 0.5 एकड़ से एक एकड़ के 30 औद्योगिक भूखंड भी हैं।

ये रहे उपस्थित

वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्रीय सचिव पुष्पा सुब्रमणियम, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव उद्योग मनोज कुमार पिंगुआ, इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क के चेयरमैन रूद्रसेन सिंधु, निदेशक सत्यपाल सिंधु मौजूद थे।


Tags:    

Similar News