राज्यगीत के निर्माता को CM भूपेश ने किया नमन, बोले- 'छत्तीसगढ़ी भाषा को दिलाई विशिष्ट पहचान'
भूपेश ने कहा कि डॉ. वर्मा बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। पढ़िए पूरी खबर-;
रायपुर। छत्तीसगढ़ को राज्य गीत देने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार और भाषाविद डॉ. नरेंद्र देव वर्मा की जयंती 4 नवंबर मनाई जाती है। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें नमन किया है। डॉ. नरेंद्र वर्मा को याद करते हुए सीएम भूपेश ने कहा कि डॉ. वर्मा बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने कवि, चिंतक, उपन्यासकार, नाटककार, संपादक और मंच संचालक जैसी कई भूमिकाओं में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। अंग्रेजी में भी उन्होंने अपनी रचनाएं लिखी अपनी ओजपूर्णवाणी और अकाट्य तर्कों से वे किसी को भी पल भर में प्रभावित करने की क्षमता रखते थे।
उन्होंने आगे कहा- 'युवा उत्सव के समारोह में उन्होंने अपने विचारों के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भी गहराई तक प्रभावित किया था। 'अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार...' के रूप में उन्होंने अमर रचना दी है, जिसमें छत्तीसगढ़ महतारी का वैभव एक बारगी साकार होता है। यह गीत डॉ. नरेंद्र वर्मा की पहचान और छत्तीसगढ़ का मान बन गया है, उनकी कलम से निकला या गीत राज्य गीत के रूप में आज बस्तर से लेकर सरगुजा तक छत्तीसगढ़वासियों की आत्मा का गान बन चुका है। छत्तीसगढ़ की ऐसी वंदना उनका सच्चा सपूत ही कर सकता है।
सीएम बघेल ने कहा कि डॉ. नरेंद्र देव वर्मा ने जो भी लिखा वह लोगों की अंतरात्मा में उतर गया। उनकी रचनाओं में छत्तीसगढ़ के जनजीवन तथा संस्कृति का सजीव चित्रण मिलता है उनका हिंदी उपन्यास 'सुबह की तलाश' जब छत्तीसगढ़ी के अनुवाद के बाद 'सोनहा बिहान' के रूप में लोगों के बीच रंगमंच के माध्यम से पहुंचा तब उसने आम लोगों में सुनहरी सुबह के साकार होने की आशा जगा दी।
सही अर्थों में वे छत्तीसगढ़ के सोना अभियान के स्वप्न दृष्टा थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा व साहित्य का विकास विषय पर शोध किया और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने छत्तीसगढ़ी गीत संग्रह अपूर्व हिंदी उपन्यास की तरह जैसे कई ग्रंथों की रचना की। उनका लिखा मोला गुरु बनाई लेते छत्तीसगढ़ प्रहसन अत्यंत लोकप्रिय हुआ। डॉ. वर्मा ने छत्तीसगढ़ी भाषा अस्मिता को बनाए रखने और यहां की संस्कृति को विशिष्ट पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ भाषा के लिए उनका योगदान हमेशा याद किया जाता रहेगा।