डॉ. खूबचंद बघेल की पुण्यतिथि पर CM भूपेश ने दी श्रद्धांजलि, पूर्व मुख्यमंत्री ने किया नमन

ट्वीट करते हुए कहा कि- डॉ. खूबचंद बघेल ने अपना पूरा जीवन समाज और किसानों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। पढ़िए पूरी खबर-;

Update: 2021-02-22 12:38 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के स्वप्नदृष्टा, स्वतंत्रता सेनानी और कृषक नेता स्व. डॉ. खूबचंद बघेल को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सादर नमन किया। सीएम भूपेश बघेल ने पुण्यतिथि पर ट्वीट करते हुए कहा कि- 'छत्तीसगढ़ राज्य के स्वप्नदृष्टा, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं कृषक नेता स्व. डॉ. खूबचंद बघेल जी की पुण्यतिथि पर सादर नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि। डॉ. खूबचंद बघेल ने अपना पूरा जीवन समाज और किसानों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।'

वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने ट्वीट किया है कि- 'डॉ खूबचंद बघेल जी ने पृथक छत्तीसगढ़ के लिए जन जागृति का अभूतपूर्व कार्य किया। कृषि और कृषकों की उन्नति के लिए वह जीवनभर संघर्ष करते रहे। अनेक किसानों व आदिवासियों के आंदोलनों के प्रेरणास्त्रोत व नेतृत्वकर्ता रहे डॉ ख़ूबचंद बघेल जी की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन करता हूँ।'

डॉ. खूबचंद बघेल का सम्पूर्ण जीवन समाज और कृषकों के कल्याण तथा विभिन्न रचनात्मक कार्यो के लिए समर्पित था। 1925 में नागपुर से चिकित्सा परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् असिस्टेंट मेडिकल आफिसर के रुप में कार्यरत रहे। नागपुर में अध्ययन के समय से आप राष्ट्रीय विचारधारा से प्रभावित होकर राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भागीदारी करने लगे।

महात्मा गांधी से प्रभावित होकर गांव-गांव में घूमकर असहयोग आंदोलन का प्रचार किया। 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान शासकीय नौकरी छोड़कर आन्दोलन में शामिल हो गए। 1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में तीसरी बार जेल गए। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में आपको फिर ढाई वर्ष की कठोर कैद हुई। 1951 में कांग्रेस मतभेद की वजह से आचार्य कृपलानी की किसान मजदूर पार्टी में शामिल हो गए।

आप 1951 में विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए और 1962 तक सदस्य रहे। 1967 में आप राज्यसभा के लिए चुने गए। व्यवसाय से चिकित्सक होने के बावजूद आप कृषि और कृषकों की उन्नति के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। आप छत्तीसगढ़ के अनेक आदिवासी-किसान आंदोलनों के प्रेरणा स्रोत एवं नेतृत्वकर्ता थे। आपने कृषि को उद्योग के समकक्ष विकसित करने की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास किया। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य के लिए, जन जागृत करने की दिशा में आप लगातार संलग्न रहे। डॉ. खूबचंद बघेल साहित्य सृजन, लोकमंचीय प्रस्तुति तथा बोल-चाल में आप छत्तीसगढ़ी के पक्षधर थे।

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