नक्सल इलाके में पहुंचे कलेक्टर-एसपी : ग्रामीणों की वास्तविक समस्या जानने की कोशिश, नौनीहालों को बांटे जूते, ग्रामीणों से हुए रूबरू
धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जिलाधीश और पुलिस कप्तान पहुंचे। वहां ग्रामीण बच्चों को चरणपादुका बांट कर, ग्रामीणों की समस्याएं सुन रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...;
एनिश पुरी गोस्वामी-मोहला। उदार मन के साथ नवगठित मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले के कलेक्टर डॉ एस जयवर्धन और पुलिस कप्तान वाय अक्षय कुमार सामुदायिक पुलिसिंग के तहत जिले के अंतिम नक्सल पैठ वाले गांव कोराचा पहुंचकर गरीब बच्चों को चरण पादुका का वितरण किया। इस दौरान दोनों युवा अफसरों ने ग्रामीणों से सीधे रूबरू होते हुए उनके दर्द को जानने की कोशिश की।
उल्लेखनीय है कि, मानपुर विकासखंड के थाना कोहका क्षेत्र अंतर्गत संवेदनशील ग्राम कोराचा में कलेक्टर एस जयवर्धन और पुलिस अधीक्षक वाय अक्षय कुमार सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम के तहत प्राथमिक स्कूल और मिडिल स्कूल के छात्र-छात्राओं को चरण पादुका (जूता) वितरण किया। इस दौरान सरपंच श्रीमती प्रमिला तुलावी कोराचा राज के राजा आजम शाह मांडवी, जनपद सदस्य और अन्य ग्रामीणों से मिलकर गांव की समस्याएं बताई। वहीं जिले के प्रथम कलेक्टर और एसपी ने गंभीरतापूर्वक समस्या सुनकर उचित निराकरण करने का आश्वासन दिया। साथ ही दोनों अधिकारियों ने शासन की अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
नंगे पांव को मरहम देने की पहल
दरअसल, यह धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। वहीं इस ट्राइबल बेल्ट के अमीर धरती के गरीब ग्रामीण बच्चों के पैरों में चप्पल तक नहीं है, जिन्हें चिन्ह अंकित कर कम्युनिटी पुलिसिंग के माध्यम से क्रमबद्ध एसपी वाय अक्षय कुमार के निर्देश में चरण पादुका और जूता वितरण किया जा रहा है।
इस दौरान ये रहे मौजूद
इस कार्यक्रम के अवसर पर उप पुलिस अधीक्षक ताजेश्वर दीवान, एसडीएम अमित नाथ योगी, थाना प्रभारी मदनवाड़ा निरीक्षक देवेन्द्र दर्रो, थाना प्रभारी सीतागांव निरीक्षक कार्तिक्केश्वर जांगड़े, थाना प्रभारी कोहका, उप निरीक्षक रविशंकर डहरिया, डीआरजी प्रभारी सउनि भगत जाड़े थाना स्टाफ, डीआरजी जवान, शिक्षक-शिक्षिकाएं स्कूली छात्र-छात्राएं और ग्रामीण उपस्थित रहे।
बता दें कि, जिले के कलेक्टर डॉ एसजयवर्धन और पुलिस अधीक्षक वाय अक्षय कुमार प्रशासनिक नेतृत्व के साथ इस अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में कानून व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के साथ-साथ लगातार जिले के पहुंच विहीन और अंतिम गांव में जाकर सीधे ग्रामीणों से रूबरू होते हुए गांव और उनकी समस्या से अवगत हो रहे हैं।