महाविद्यालयों ने लगाई पार्टियों पर रोक, नोटिस चस्पा- 'यह हमारा आयोजन नहीं'

छात्रों द्वारा बिना इजाजत मनमर्जी से वेलकम और फेयरवेल पार्टियों का दौर शुरु हो गया था। कोरोना संक्रमण को देखते हुए महाविद्यालयों द्वारा उठाए गए कदम, स्वागत और विदाई समारोह आयोजित करने प्रबंधन द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही है। कॉलेज कैंपस से बाहर इनका आयोजन करने पर प्रबंधन द्वारा पालकों को सूचित करते हुए नोटिस चस्पा किया जा रहा है कि यह आयोजन प्रबन्धन का नहीं है। पढ़िए पूरी ख़बर..;

Update: 2022-01-05 02:26 GMT

रायपुर: महाविद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ने के साथ ही वेलकम और फेयरवेल पार्टियों का दौर शुरु हो गया था। अब इसे लेकर कॉलेज प्रशासन द्वारा सख्ती बरती जा रही है। महाविद्यालयों द्वारा वक्त पर पाठ्यक्रम पूर्ण करने और छात्रों को कोराेना संक्रमण से बचाने कई तरह के जतन किए जा रहे हैं। स्वागत और विदाई समारोह आयोजित करने प्रबंधन द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही है। कॉलेज कैंपस से बाहर इनका आयोजन करने पर प्रबंधन द्वारा नोटिस चस्पा किया जा रहा है कि यह उनका आयोजन नहीं है।

गौरतलब है कि रविवि द्वारा सेमेस्टर परीक्षाएं जनवरी माह से ली जाएंगी। ऑफलाइन मोड में होने वाली इन परीक्षाओं के लिए प्रवेशपत्र भी जल्द जारी कर दिए जाएंगे। वार्षिक परीक्षाएं मार्च-अप्रैल में लिए जाएंगे। छात्र दो वर्ष पश्चात ऑफलाइन मोड में पर्चे देंगे। परीक्षा परिणामों का स्तर बनाए रखने के लिए भी महाविद्यालयों द्वारा कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

अन्य गतिविधियां भी नहीं

शैक्षणिक कलैंडर के मुताबिक, सामान्यत: दिसंबर और जनवरी माह में महाविद्यालयों में सांस्कृतिक व साहित्यिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। पाठ्यक्रम पूर्ण नहीं होने और बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण ये गतिविधियां भी आयोजित नहीं की जा रही हैं। बीते सत्र में कुछ महाविद्यालयों ने ऑनलाइन मोड में इनका आयोजन किया था, लेकिन मौजूदा सत्र में सभी कॉलेज प्रबंधन का फोकस पाठ्यक्रम तय वक्त पर पूर्ण करने पर ही है। यही वजह है कि उनके द्वारा इस तरह की प्रतियोगिताओं से बचा जा रहा है।

प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए फीडबैक

रविवि द्वारा कॉलेजों को छूट दे दी गई है कि वे प्रायोगिक परीक्षाओं का आयोजन अपनी सुविधानुसार लिखित परीक्षा के पहले अथवा बाद में कर सकते हैं। यदि ये परीक्षाएं लिखित परीक्षा के बाद ली जाती हैं, तो दस दिनों के अंतराल में इसे पूर्ण करना होगा। रविवि द्वारा जारी किए गए निर्देश के बाद महाविद्यालयों द्वारा विभिन्न विभागों से प्रायोगिक पाठ्यक्रम को लेकर फीडबैक मांगा जा रहा है। जिन कक्षाओं में प्रायोगिक पाठ्यक्रम पूर्ण हो गए हैं, उनकी परीक्षाएं सैद्धांतिक से पूर्व तथा अन्य की बाद में ली जाएगी।

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