टकराव : राज्यपाल ने कहा- बस्तर पर बुलाएं सर्वदलीय बैठक, मंत्री चौबे बोले- अब किसी कार्यवाही की जरूरत नहीं
राज्यपाल अनुसईया उइके ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर कहा है कि बस्तर में हालात बेहद विस्फोटक हो रहे हैं। उन्होंने आग्रह किया है कि इस मसले पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए। राज्यपाल ने यह बात बस्तर के सिलगेर में पुलिस कैंप बनाए जाने को लेकर ग्रामीण आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन से उपजे हालात के मद्देनजर कही है। राज्यपाल का कहना है कि बस्तर के वातावरण को शांत करने के लिए स्थानीय लोगों तथा आदिवासी समाज के साथ चर्चा जरूरी है।;
रायपुर. राज्यपाल अनुसईया उइके ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर कहा है कि बस्तर में हालात बेहद विस्फोटक हो रहे हैं। उन्होंने आग्रह किया है कि इस मसले पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए। राज्यपाल ने यह बात बस्तर के सिलगेर में पुलिस कैंप बनाए जाने को लेकर ग्रामीण आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन से उपजे हालात के मद्देनजर कही है। राज्यपाल का कहना है कि बस्तर के वातावरण को शांत करने के लिए स्थानीय लोगों तथा आदिवासी समाज के साथ चर्चा जरूरी है।
पांचवी अनुसूची क्षेत्र राज्यपाल का विशेषाधिकार
सुश्री उइके ने मुख्यमंत्री को लिखी चिठ्टी में कहा है कि बस्तर पांचवी अनुसूची वाला क्षेत्र है। वहां सुशासन शांति बनाए रखना प्रशासन पर नियंत्रण रखने का विशेषाधिकार राज्यपाल को है। बस्तर में ऐसा वातावरण बनाया जाना चाहिए कि वहां के लोगों को सुरक्षित वातावरण मिल पाए।
किसी और कार्यवाही की जरूरत नहीं : चौबे
राज्यपाल द्वारा सिलगेर मामले को लेकर लिखे गए पत्र के ममले में संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिलगेर को लेकर दंडाधिकारी जांच के निर्देश दिए हैं, जनप्रतिनिधियों कमेटी गठित की है। कमेटी ने तर्रेम पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात की है। कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने इस मुलाकात को सकारात्मक बताया है। ऐसे में इस संबंध में और किसी कार्यवाही की जरूरत नहीं है।
वस्तुस्थिति से मुझे कराएं अवगत
राज्यपाल ने कहा है कि बस्तर के हालात की वास्तविक जानकारी से मुझे अवगत कराया जाना चाहिए। उन्होंने जानकारी मांगी है कि इस मामले में अब तक सरकार द्वारा क्या प्रयास किए गए हैं। अब तक जो बात सामने आई है, उसमें कहा जा रहा है कि बस्तर में विरोध प्रदर्शन के दौरान तीन लोगों की मौत हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि मारे गए लोग निर्दोष थे। पुलिस का कहना है कि ये लोग नक्सली थे। राज्यपाल का कहना है कि प्रशासन को जांच कर ये बात साफ करनी चाहिए कि मरने वाले लोग कौन थे। अगर वे निर्दोष ग्रामीण थे, तो मारने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। अगर वे नक्सली थे, तो जांच कर बताएं कि नक्सली थे।
आईजी से की बात मंगाई रिपोर्ट
राज्यपाल ने इस मामले को लेकर बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. से फोन पर लंबी बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने वस्तुस्थिति की जानकारी ली। राज्यपाल का कहना है कि बस्तर के उस गांव में इतना असंतोष क्यों है। इतना बड़ा प्रदर्शन क्यों हो रहा है। इस मामले को लेकर गंभीरता की जरूरत है, तभी समाधान निकल सकता है, अगर ऐसा नहीं किया गया, तो बस्तर में स्थिति उग्र हो सकती है। बस्तर के स्थानीय लोगों को साथ लेकर उनके सहयोग के बिना कोई समाधान नहीं हो सकता। वहां लोग दोनों तरफ से असमंजस में हैं। गांव के लोगों ने नारा दिया है, नक्सली भगाओ, कैंप हटाओ। अब वहां रास्ता ये है कि समाधान के लिए चर्चा की जाए।