योगेश साहू आत्मदाह मामले में सीएम से मिलेंगे कांग्रेस के प्रतिनिधि, अस्पताल के बिल भुगतान की मांग
देश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह ने डॉ रमन सिंह की सरकार पर आरोप लगाया है कि सीएम हाउस के सामने आत्मदाह करने वाले स्वर्गीय साहू को कोई मदद नहीं की गई। पढ़िए पूरी खबर-;
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह ने एक बयान जारी कर भारतीय जनता पार्टी को यह समझाइश दी है कि युवाओं के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाना और राजनीतिक रोटी सेकना बंद कर दे। प्रदेश का युवा इस बात को अभी भूला नहीं है कि जब डॉ. रमन सिंह की सरकार थी तब बेरोजगारी और हताशा का क्या आलम था?
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (CMIE) की रिपोर्ट कहती है कि सितंबर 2018 में जब रमन सिंह की सरकार थी तब बेरोजगारी की दर छत्तीसगढ़ में 22.2 थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (CMIE) की ताजा रिपोर्ट जो कि अप्रैल 2020 में आई है, वह कहती है कि छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर वर्तमान में घटकर 3.4: रह गई है।
भाजपा को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में लगभग 22 लाख पंजीकृत शिक्षित बेरोजगार और लगभग इतने ही अपंजीकृत बेरोजगार थे, तब युवाओं के प्रति वो प्रेम कहां छुपा हुआ था, जो अब हरदेव सिन्हा के आत्मदाह के प्रयास के बाद उमड़ कर सामने आया है।
कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आत्मदाह करने वाले बच्चू लाल, योगेश साहू और आत्मदाह का प्रयास करने वाले अन्य 8 लोगों के परिजनों को तत्कालीन सरकार के द्वारा कोई भी मदद नहीं दी गई। दिव्यांग स्वर्गीय योगेश साहू ने अपनी बहनों की शादी गरीबी और बेरोजगारी से व्यथित होकर रमन सिंह को 3 आवेदन दिए थे। लेकिन जब कोई कार्यवाही नहीं हुई और कहीं से कोई मदद नहीं मिली तब निराश होकर योगेश साहू ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के निवास के सामने आत्मदाह कर लिया था। स्वर्गीय योगेश साहू आत्मदाह प्रकरण का सबसे दुखद पहलू तो यह है कि डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में स्वर्गीय साहू के इलाज का भुगतान नहीं किया गया।
कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि बहुत जल्द छात्र नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर स्वर्गीय योगेश साहू के उपचार का बिल भुगतान करने का आग्रह करेगा।