डीके अस्पताल के स्किन बैंक का निर्माण इसी माह होगा पूरा, अंग प्रत्यारोपण के लिए फिलहाल इंतजार
रायपुर: किसी हादसे में बिगड़ी सूरत को संवारने दान में मिलने वाली त्वचा सुरक्षित रखने डीके अस्पताल के स्किन बैंक का निर्माण महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा।;
रायपुर: किसी हादसे में बिगड़ी सूरत को संवारने दान में मिलने वाली त्वचा सुरक्षित रखने डीके अस्पताल के स्किन बैंक का निर्माण महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा। वहीं शासकीय अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण की सुविधा के लिए अभी इंतजार करना होगा। स्किन बैंक के लिए जरूरी निर्माण कार्य अंतिम चरणों में है, मगर ट्रांसप्लांट के लिए सात करोड़ के उपकरण सहित अन्य जरूरतों की सप्लाई प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार किया जा रहा है।
तीन माह पहले डीके अस्पताल में दो बड़ी योजनाओं को पूरा करने की अनुमति स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई थी। इसमें स्किन बैंक और अंग प्रत्यारोपण की शुरुआत करना प्रमुख था। स्किन बैंक तैयार करने के लिए सीजीएमएससी द्वारा निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। इसे तैयार करने में दस लाख रुपए का खर्च आया है। इस निर्माण के बाद यहां संचालित बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग में आने वाले मरीजों की सर्जरी के लिए उपयोग की जाने वाली त्वचा को सुरक्षित रखा जा सकेगा। स्किन बैंक में वहां त्वचा रखी जाएगी, जो देहदान के दौरान प्राप्त होगी। दावा किया जा रहा है कि इसका निर्माण जनवरी के अंतिम दिनों तक पूरा कर लिया जाएगा। त्वचा को रखने के लिए विशेष तरह के डीप फ्रिजर आने का इंतजार किया जा रहा है। दूसरी ओर इस शासकीय अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू होने के लिए थोड़ी प्रतीक्षा करनी होगी। इसके लिए एक निजी बैंक द्वारा सीएसआर फंड से सात करोड़ रुपए के उपकरण देने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। उपकरण दूसरे देशों से आना है, इसलिए इसमें थोड़ा वक्त लग रहा है।
45 फीसदी मरीजों को जरूरत
सूत्रों के मुताबिक डीके अस्पताल में संचालित बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग में भर्ती होने वाले 45 फीसदी मरीजों को सर्जरी की आवश्यकता होती है। डाॅक्टरों के मुताबिक जब आटोग्राॅफ्ट के बाद घाव का आकार बढ़ने की आशंका होती है, तब मानव त्वचा का उपयोग घाव को बंद करने के लिए किया जाता है। भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए यहां स्किन बैक की अनुमति शासन द्वारा प्रदान की गई है। शासकीय अस्पताल में यह पहला स्किन बैंक होगा, इसके पूर्व सेक्टर-9 के अस्पताल में इसकी शुरुआत की गई है।
ट्रांसप्लांट खर्चा लाखभर भी नहीं
निजी अस्पतालों में ट्रांसप्लांट के लिए साढ़े तीन से चार लाख रुपए खर्च करना पड़ता है, मगर डीके अस्पताल में यह सुविधा होने पर मरीजों को इतनी बड़ी सर्जरी के लिए एक लाख रुपए भी खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी। स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत भी इस ट्रांसप्लांट के लिए पैकेज का निर्धारण किया गया है। अभी एम्स में इसकी सुविधा शुरू की गई। डीके अस्पताल में यह काम पूरा होने के बाद मरीजों के पास शासकीय अस्पताल के दो विकल्प मौजूद होंगे। अभी ज्यादातर ट्रांसप्लांट दूसरे राज्यों अथवा निजी अस्पतालों में पूरा होता है।
पूरी होंगी जरूरतें
स्किन बैंक का काम अंतिम चरण में है। ट्रांसप्लांट के लिए उपकरण मिलने का इंतजार किया जा रहा है। दोनों काम पूरा होने के बाद मरीजों की कई जरूरतें पूरी होंगी।