ई- टेंडर में फंसी ठेकेदारों की रकम, आवेदन के बाद भी नहीं दे रहे जमा राशि
राज्य सरकार टेंडरों में पारदर्शिता के लिए ई टेंडर की व्यवस्था बनाकर काम करा रही है लेकिन नगरीय निकाय इस व्यवस्था को गंभीरता से नहीं ले रहे। रायपुर नगर निगम ने ई टेंडर की व्यवस्था तो दी, लेकिन 2 से 3 साल बीतने के बाद भी ठेकेदारों को ईएमडी की राशि वापस नहीं मिली।;
राज्य सरकार टेंडरों में पारदर्शिता के लिए ई टेंडर की व्यवस्था बनाकर काम करा रही है, लेकिन नगरीय निकाय इस व्यवस्था को गंभीरता से नहीं ले रहे। रायपुर नगर निगम ने ई टेंडर की व्यवस्था तो दी है लेकिन 2 से 3 साल बीतने के बाद भी ठेकेदारों को ईएमडी की राशि वापस नहीं मिली। इधर ई टेंडर दाखिल कर फंस चुके ठेकेदार लगातार नगरीय प्रशासन विभाग एवं चिप्स को पत्र लिखकर ईएमडी और एल 1 की राशि वापस करने की मांग कर रहे हैं।
नगर निगम में नियमित रूप से बैठें चिप्स के अधिकारी
नगर निगम ठेकेदार संघ के अध्यक्ष दुर्गेश सिंह ठाकुर का कहना है कि दो साल में करीब 1 करोड़ की रकम ई टेंडर सिस्टम के तहत ईएमडी के रूप में ठेकेदारों ने जमा कराए थे लेकिन संबंधित ठेकेदारों को यह राशि अब तक नहीं मिल पाई। हमने चिप्स में ऑनलाइन टेंडर दाखिल करते समय एक निश्चित रकम ईएमडी के रूप में जमा कराई है लेकिन यह राशि अब तक नहीं मिली।
नियम के हिसाब से जिसे ठेका मिला हो उसे छोड़कर बाकी सभी निविदा कर्ता को यह राशि वापस करनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इसके लिए नगर निगम में चिप्स के अधिकारी यदि नियमित रूप से बैैठाया जाए तो ठेकेदारों को आनलाइन सिस्टम के तहत ईएमडी की जमा करक निकालने में आसानी होगी।
नगरीय प्रशासन सचिव तक की थी शिकायत
प्रभावित ठेकेदारों का कहना है, ईएमडी की राशि लौटाने में आ रही दिक्कत को लेकर तत्कालीन नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव अलरमेल मंगईडी के साथ ठेकदारों ने चर्चा भी की। उस समय पूर्व महापौर प्रमोद दुबे के माध्यम से यह बात प्रमुखता से नगरीय प्रशासन विभाग तक पहुंचाई गई। इसके बाद व्यवस्था बदलते हुए टेंडर में एफडीआर जमा कराया जा रहा है लेकिन पहले से जो राशि ठेकेदारों की जमा है वह राशि वापस नहीं हो पाई।
पावती का अता-पता नहीं
नगर निगम में ठेकेदारी कर रहे पुराने ठेकेदारों का कहना है कि स्थानीय निकाय में आनलाइन टेंडर के समय ईएमडी की राशि हमसे आनलाइन जमा कराई गई। तब जमा कराने का सिस्टम तो बताया गया लेकिन ईएमडी का पैसा कैसे निकालें इसकी जानकारी बहुत कम ठेकेदारों को है। चिप्स के अधिकारी इस सिस्टम को बता नहीं रहे।
वहीं नगर निगम के आला अधिकारी भी ध्यान नही दे रहे। ईएमडी निकलवाने के लिए भटक रहे कुछ ठेकेदार के पास 2 साल पुरानी पावती भी नहीं है। ऐसे में जमा राशि निकलवाने में उन्हें दिक्कत आ रही है।
दुरुस्त कर रहे व्यवस्था
पहले आनलाइन टेंडर चिप्स के माध्यम से होते थे लेकिन उस समय के ईएमडी की राशि कुछ ठेेकेदारों को अब तक प्राप्त नहीं होने की शिकायत आई है। उसे संज्ञान में लेकर व्यवस्था दुरुस्त करेंगे।