भीमा शंकर ज्योतिर्लिंग पर विवाद : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मुख्यमंत्री हेमंत विश्वा के दावे को बताया गलत

देश के छठे ज्योतिर्लिंग असम में होने के दावे को शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गलत बताया है। उन्होंने कहा कि वे ऐसा कहते हैं तो इसका प्रमाण प्रस्तुत करें। साथ ही कहा कि राजनेताओं को धर्म के मामले में दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए। शंकराचार्य ने इस संबंध में और क्या कहा जानन के लिए पढ़िए पूरी खबर…;

Update: 2023-02-15 09:11 GMT

कुश अग्रवाल/ पलारी । असम सरकार के एक विज्ञापन ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। इस विज्ञापन में भीमाशंकर नाम का देश का छठा ज्योतिर्लिंग असम में होने का दावा किया है। एवम श्रद्धालुओं को यहां आने की अपील की है।

असम सरकार के इन दावों के बीच पलारी पहुंचे ज्योतिष्पीठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी ने कहा है की महाराष्ट्र के पुणे में स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग धार्मिक आस्था का केंद्र है। वहां हम सब शुरू से ही पूजा पाठ एवं दर्शन कर रहे हैं। अगर असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वा अगर ऐसा कह रहे हैं तो वह गलत है अगर ऐसा है तो उन्हें इस बाबत प्रमाण सामने रखना चाहिए। राजनेताओं को धर्म के मामले में दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए।

गुवाहाटी में बताना गलत

अगर भीमाशंकर की वहा पर पूजा वह करना चाहते हैं, तो वह, वहां पर भी स्थापना कर पूजा पाठ कर सकते हैं, लेकिन सदियों से चले आ रहे आस्था के केंद्र भीमाशंकर को अपने यहां गुवाहाटी में बताना, गलत है। अगर वह ऐसा करते हैं तो इस बाबत प्रमाण प्रस्तुत करें।

ज्योतिर्लिंग अधिग्रहण का आरोप

महाराष्ट्र कांग्रेस ने इस पर तीव्र आपत्ति की है। उन्होंने शताब्दियों से हिंदू आस्था के केंद्र रहे ज्योतिर्लिंग अधिग्रहण किए जाने का आरोप असम की बीजेपी सरकार पर लगाया है।

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