'दीक्षांत' शिक्षा की समाप्ति नहीं साधना की शुरुआत है : खैरागढ़ संगीत विवि के 16 वें दीक्षांत समारोह में बोलीं राज्यपाल उइके
दीक्षांत केवल शिक्षा की समाप्ति नहीं, बल्कि कला और साधना को समाज तक पहुँचाकर ऋण चुकाने का मौका है। दीक्षांत केवल शिक्षा की समाप्ति नहीं साधना की शुरुआत है। राज्यपाल अनुसुइया उइके थीं खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि। पढ़िए पूरी खबर...;
खैरागढ़। संगीत विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि, संगीत विवि में ख्याति प्राप्त अतिथियों का सम्मान करना सौभाज्य है। जिन्हें केवल देखा और सुना था ऐसे मूर्धन्य कलाकारों का सम्मान करने का अवसर मिल रहा है। उइके ने कहा कि ख्याति प्राप्त हस्तियों को एक जगह पर संजोना एतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण है। संगीत विवि में ऐसा अवसर मिलना सौभाग्य है। पदक और डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को संबोधित करते राज्यपाल उइके ने कहा कि शिक्षा के साथ अपनें क्षेत्र में लगातार कर्म करना आवश्यक है। तभी आप सफल हो पाएंगे। उइके ने सभी छात्रों और कलाकारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कलाकारों की नैतिक जिम्मेदारी है कि कला की शिक्षा और साधना को आगे बढ़ाएंगे। उइके ने कहा कि बंधनमुक्त कला और कलाकार प्रेम और सद्भाव की शिक्षा का संदेश देते हैं। उड़के ने कहा कि दीक्षांत केवल शिक्षा की समाप्ति नहीं बल्कि शिक्षा की सीख और कला की साधना का सदुपयोग कर समाज और परिवार को लौटाकर ऋण चुकाने की प्रक्रिया है। राज्यपाल उइके ने कहा कि जीवन में यह शिक्षा काम आएगी।