देशभर में संकट... लेकिन यहां बिना काम के धधक रहा कोयला : गेवरा में जल रहे कोयले को बुझाने में प्रबंधन की भी रुचि नहीं...

एसईसीएल प्रबंधन अपनी जिम्मेदारियों को लेकर किस कदर लापरवाह बना हुआ है, इसका ताजा उदाहरण गेवरा कोल परियोजना में देखने को मिला है। यहां खदान के भीतर मौजूद कोयले के ढेर में पिछले कई दिनों से आग लगी है और कोयला धधक रहा है, लेकिन आग को बुझाने को लेकर प्रबंधन की कोशिशें नाकाफी साबित हो रही है। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2022-07-04 12:16 GMT

कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा में एसईसीएल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही उजाकर हुई है। गेवरा कोल परियोजना में कोयले के ढेर में पिछले कई दिनों से आग लगी है, लेकिन उसके बुझाने को लेकर प्रबंधन की ओर से कोई ठोस उपाय नहीं अपनाया जा रहा है। कोयला संकट के बीच जिस तरह से सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंच रहा है, उसे लेकर श्रमिक नेताओं ने चिंता जाहिर की है।

एसईसीएल प्रबंधन अपनी जिम्मेदारियों को लेकर किस कदर लापरवाह बना हुआ है, इसका ताजा उदाहरण गेवरा कोल परियोजना में देखने को मिला है। यहां खदान के भीतर मौजूद कोयले के ढेर में पिछले कई दिनों से आग लगी है और कोयला धधक रहा है, लेकिन आग को बुझाने को लेकर प्रबंधन की कोशिशें नाकाफी साबित हो रही है। कोयला संकट के बीच इस तरह से सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचना निश्चित ही प्रबंधन की निरंकुशता को दर्शाता है। इस संबंध में जब क्षेत्र के श्रमिक नेताओं से बात की तब उन्होंने बताया कि एसईसीएल आग को बुझाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन उसके पास ऐसे संसाधन नहीं है, जिससे आग को काबू में किया जा सके। आग के कारण जिस तरह से संपत्ति को नुकसान पहुंच रहा है, उससे कहीं न कहीं प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है।

देश में कोयले का संकट अभी भी बना हुआ है। बिजली घरों में कोयले की आपूर्ती के लिए यात्री ट्रेनों को रद्द कर मालगाड़ियों के परिचालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस बीच जिस तरह से आग को बुझाया नहीं जा रहा है, उससे निश्चित ही मांग के अनुरूप कोयले के आपूर्ती करने की मंशा पर पानी फिर सकता है। प्रबंधन को चाहिए कि आग को जल्द से जल्द काबू में किया जाए ताकी नुकसान के आंकड़े को कम किया जा सके। देखिए वीडियो-


Tags:    

Similar News