उमड़ा जनसमुद्र : पं. प्रदीप मिश्रा बोले-मन का सत्य ही आपको भगवान शिव की कृपा दिलाएगा

कल छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहार है छेर-छेरा। रीति है कि छत्तीसगढ़ के लोग जो मीठा व्यवहार और मेहमान को खूब खिलाते हैं, अन्न दान करते हैं, छत्तीसगढ़ के लोग प्रेम बांटते हैं। प्रेम और सम्मान देना छत्तीसगढ़वासियों का गुण है। यही शिवजी का छत्तीसगढ़ के प्रति अनुराग का प्रमाण है। इसलिए लोकोक्ति है कि, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया। पं. मिश्रा ने और क्या कहा... पढ़िए...;

Update: 2023-01-05 14:18 GMT

कुश अग्रवाल-बलौदाबाजार। जब तक प्रभु की कृपा नहीं होती तब तक हम धर्म, भक्ति की ओर जा नहीं सकते। देवाधि देव की कृपा से ही हम ईश्वर की ओर जा रहे हैं। बाबा भोलेनाथ की चौखट पर जाने से ही सुख-शांति की प्राप्ति होती है। उक्त बातें शिव कथा महापुरण के चौथे दिन व्यासपीठ से कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने कही। मध्यप्रदेश के सीहोर से पहुंचे पं. मिश्रा ने शिवकथा का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान शिव, शिव तत्व से जुड़े रहोगे तो सोचने की जरूरत नहीं है कि, आपका घर कौन चला रहा है। जब हम शिव के चरणों में हैं तो चिंता की जरूरत नहीं है। हम जो कर रहे हैं वो प्रभु इच्छा है। इसलिए नाहक परेशान होने की जरूरत नहीं है, उनकी मर्जी है... क्या देगा और क्या लेगा। आप साफ एवं पवित्र मन से जो भी काम करोगे उसका पूर्ण फल प्राप्त होगा। पं. मिश्रा ने कहा कि, जब भी शिवालय जाएं तब मन में सत्यता रखें, सत्यता ही आपको भगवान शिव की कृपा दिलाएगा।

बताई शिव तत्व की महत्ता

कथा को आगे बढ़ाते हुए पं. मिश्रा ने कहा- हम जितने बुरे हैं उतना संसार में कोई नहीं है। ये भाव हमें सत्य और शिव के पास ले जाएगा। शंकर भगवान को करोड़ों की संपत्ति चढ़ाओगे वो स्वीकार नहीं करेंगे। पर एक बेलपत्र चढ़ाओगे वो स्वीकार कर लेंगे। एक बेलपत्र में सभी माताएं विराजमान हैं। यही शिव तत्व की महत्ता है। राजा राग देखता है, भगवान अनुराग देखते हैं, यही शिव गुण हैं।



 


कर्म का फल सभी को मिलता है, अपने कर्म से डरिए

भगवान शिव से, माता-पिता से, गुरु से कभी ज्ञानी नहीं बनना। अपने कर्म से डरिये.. क्योंकि कर्म का फल देवताओं को भी प्राप्त हुआ और हम सभी को प्राप्त होगा। हम भगवान, माता-पिता, गुरु से बड़े नहीं हैं। शिव भक्त का अपमान और उसके साथ किया गया छल, बाबा सहन नहीं करते। शिवालय, शिव तत्व के साथ शिव भक्त के साथ किया गया अच्छा व्यवहार भक्ति का प्रतीक है।

प्रेम और सम्मान देना छत्तीसगढ़वासियों का गुण

कल छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहार है छेर-छेरा। रीति है कि छत्तीसगढ़ के लोग जो मीठा व्यवहार और मेहमान को खूब खिलाते हैं, अन्न दान करते हैं, छत्तीसगढ़ के लोग प्रेम बांटते हैं। प्रेम और सम्मान देना छत्तीसगढ़वासियों का गुण है। यही शिवजी का छत्तीसगढ़ के प्रति अनुराग का प्रमाण है। इसलिए लोकोक्ति है कि, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।



 


शिव भक्ति में है ऐसी शक्ति...

लोग कहते हैं कि भगवान की भक्ति करने वाले को बहुत दुःख प्राप्त होता है। पर हम कहते हैं कि, जो जितना खरा होता है, उतना ही तपाया जाता है और शिव भक्त निखरता जाता है। शिव तत्व, शिव भक्ति में ऐसी शक्ति है कि, खाली झोली भरते हैं। दिल से शिव की भक्ति कीजिए... बाबा आपकी झोली खुशियों भर देंगे। दुनिया में बड़े पदों से सुशोभित विधायक, सांसद, मंत्री, कलेक्टर को उनके पद से जानते हैं, पर शिव भक्त को मेरे देवाधिदेव महादेव के नाम से जानते हैं। लाखों श्रद्धालुओं से भरे कथास्थल में पं. प्रदीप मिश्रा ने शिव पुराण में वर्णित शिव भक्त के तप, साधना की शक्ति एवं प्रभाव पर विस्तारपूर्वक कथा का वाचन किया।

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