फसलों और सेहत के दुश्मन चक्रवाती तूफान जवाद ने बदला अपना रूप

बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान(cyclonic storm) बंगाल के उत्तर-पश्चिम और उससे लगे क्षेत्र में पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ से दूर होते जा रहा जवाद तूफान कमजोर होकर गहरे अवदाब में बदल गया। इस दौरान प्रदेश में कई जगह घने बादल तो रहे, लेकिन वर्षा कहीं नहीं हुई और बड़ा हिस्सा भीगने से बच गया। पढ़िए पूरी ख़बर...;

Update: 2021-12-06 04:17 GMT

रायपुर: तूफान का असर(effect of the storm) पूरे प्रदेश के तापमान पर पड़ा है, और सभी जगह न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार सिर्फ दुर्ग का तापमान ही सामान्य से कम है। यहां रविवार को सुबह दर्ज न्यूनतम तापमान 12.2 डिग्री था। यह सामान्य से 2.6 डिग्री कम है। यानी अच्छी ठंड पड़ रही है। दूसरी तरफ अधिकांश जगहों मंे पिछले 24 घंटे के दौरान तापमान मंे वृद्धि हुई है तो यहां पर 0.4 डिग्री कम हुआ है। लालपुर मौसम केंद्र(Meteorological Department) के अनुसार प्रदेश में पूर्व से हवा आने के कारण 6 दिसंबर को मौसम शुष्क रहने की संभावना है।

मौसम विभाग ने 4 और 5 दिसंबर को पूर्वी और लगे हुए जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई थी और उसी के डेटा के अनुसार प्रदेश में कहीं भी इतनी बारिश नहीं हुई। बल्कि तूफान के असर से प्रदेश में कई जगह बादल रह गए, जिससे ठंड कम हो गई है। तूफान के असर से नमी बढ़ने के कारण रात के तापमान में वृद्धि जरूरी हुई है। जैसे रायपुर में न्यूनतम तापमान 19.2 डिग्री पहुंच गया। यह सामान्य से 4.9 डिग्री अधिक है। बिलासपुर में भी भी पारा सामान्य से 2.3 डिग्री अधिक होकर 16.3 डिग्री पर पहुंचा। जगदलपुर में न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से 6.9 डिग्री अधिक है। पिछले 24 घंटे के दौरान यहां 2.6 डिग्री की वृद्धि रिकार्ड की गई।

जवाद तूफान(cyclonic storm) के असर से प्रदेश में केवल जगदलपुर और आसपास रविवार को सुबह बूंदाबांदी हुई। रायपुर, माना, बिलासपुर, पेंड्रारोड, अंबिकापुर, दुर्ग और राजनांदगांव में बादल आते-जाते रहे पर पानी नहीं बरसा। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के डेली रैनफॉल डाटा में भी सिर्फ रायगढ़ में 0.4 मिमी बारिश हुई है। प्रदेश के लिए यह अच्छा रहा कि बारिश के लिहाज से तूफान ज्यादा असरदार नहीं रहा। बारिश होने पर फसलों से लेकर लोगों की सेहत पर बुरा असर होने की आशंका थी। धान की कटाई, मिंजाई के साथ सहकारी समितियों में खरीदी चल रही है। बारिश होने से फसल के खराब होने की आशंका थी। लोगों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ने की संभावना थी।

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