दबंगों ने पण्डो जनजाति के 8 ग्रामीणों को पेड़ से बांध बरसाई लाठियां

बलरामपुर जिले में दबंगों की दबंगई इतनी बढ़ गई है कि वे समानांतर सरकार चला नक्सलियों की तर्ज पर भरी भीड़ में ग्रामीणों को सजा दे रहे है। ग्राम पंचायत चेरा में शासकीय बांध से मछली चोरी करने के संदेह में दबंगों ने पंडो परिवार के आठ लोगों को पेड़ से बांधकर लाठी डंडों से बेदम पिटाई की तथा 35-35 हजार रुपए दंड पटाने की सजा सुनाई है। पुलिस ने मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।;

Update: 2021-06-22 02:25 GMT

रामानुजगंज. बलरामपुर जिले में दबंगों की दबंगई इतनी बढ़ गई है कि वे समानांतर सरकार चला नक्सलियों की तर्ज पर भरी भीड़ में ग्रामीणों को सजा दे रहे है। ग्राम पंचायत चेरा में शासकीय बांध से मछली चोरी करने के संदेह में दबंगों ने पंडो परिवार के आठ लोगों को पेड़ से बांधकर लाठी डंडों से बेदम पिटाई की तथा 35-35 हजार रुपए दंड पटाने की सजा सुनाई है। पुलिस ने मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।

ग्राम पंचायत चेरा में शासकीय बांध से मछली चुराने के संदेह पर दबंगों ने दरबार लगा संरक्षित जनजाति पण्डो समुदाय के दो नाबालिग बच्चों सहित आठ लोगों को बुलाया। दबंग पंडो जनजाति के लोगों को जबरदस्ती पंचायत करने के नाम पर एक फार्महाऊस ले गए। इसके बाद पेड़ से हाथ- पैर बांधकर लाठी-डंडे व लात-घूसों से जमकर पिटवाया। दबंगों की बेदम पिटाई से ग्रामीण जमीन पर गिरकर छटपटाने लगे। तब भी पेट नहीं भरा तो दबंग ग्रामीणों पर लाठियां बरसाते रहे। दबंगों ने बेदम पिटाई के बाद ग्रामीणों को 35-35 हजार रुपए जुर्माना सरपंच पति सत्यम यादव के पास जमा करने का फरमान सुनाया। दबंगों ने समुदाय के लोगों के साथ जमकर गाली-गलौज भी की। 

शासकीय तालाब में मत्स्य पालन

बताया जा रहा है दबंग ग्राम पंचायत चेरा स्थित एक शासकीय तालाब में मनमानीपूर्वक मत्स्य पालन किया जा रहा है। दबंगों को पंडो जनजाति के लोगों द्वारा चोरी छिपे तालाब की मछलियां मारने का शक होने पर समुदाय के लोगों को जबरदस्ती घर से पकड़कर बुलाया तथा दरबार लगाकर सजा सुनाई।

पांच दिन बाद एफआईआर

दबंगों की दबंगई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। साथ ही पूरे जिले में घटना की जमकर चर्चा हो रही है लेकिन क्षेत्र की पुलिस घटना से पूरी तरह अनजान बनी रही। पीड़ित रामधनी पण्डो आ. रामजोत पाण्डो ने 21 जून को त्रिकुण्डा पुलिस से शिकायत की तो सक्रिय हुई। त्रिकुण्डा पुलिस ने मामले में मनमानी कने वाले 10 आरोपियों के विरूद्ध धारा 294, 506, 323, 147, 149, 342, 365, 384 एससी एसटी प्रकरण पंजीबद्ध कर कर गिरफ्तार कर लिया है। सभी आरोिपयों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। 

ये हुए गिरफ्तार

सत्यम यादव आ.लक्ष्मण, जितेन्द्र यादव आ.साधू, बासदेव यादव आ.रामचरण आलोक यादव आ.लक्ष्मण, जयप्रकाश यादव आ.रघुवीर, वंशीधर यादव आ.रामचरण, दीनानाथ यादव आ.बासदेव, देवसाय आ.रामधनी, जमुना यादव आ.विश्वनाथ एवं जितेन्द्र यादव आ.चंद्रिका को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेजा है।

आरोपी गिरफ्तार

मछली चोरी के शक पर ग्रामीणों की पिटाई की गई थी। मामले की शिकायत नहीं आई थी। वीडियो वायरल होने के बाद तत्काल मामले को संज्ञान में लेते हुए 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

रामकृष्ण साहू, एसपी, बलरामपुर-रामानुजगंज


छत्तीसगढ़ कांग्रेस की ओर से किए गए ट्वीट में इस घटना को लेकर यह लिखा गया कि घटना पंद्रह जून को हुई और 24 घंटे के भीतर दस आरोपियों को हिरासत में जेल भेजा गया। तथ्यात्मक रुप से यह बात ही ग़लत थी लेकिन जिस मसले पर बवाल हुआ वह ट्वीट का वह हिस्सा था जिसमें लिखा गया - "लेकिन यह प्रश्न बड़ा है कि घटना हो जाने और आरोपियों को जेल भेजने के 1 हफ़्ते बाद यह वीडियो अचानक से किन षड़यंत्रकारी लोगों ने सरकार को बदनाम करने की मंशा से जारी किया? कौन है वो लोग जो आदिवासियों के बीच डर फैलाना चाहते हैं जिससे नक्सलियो को बल मिले? इसके पीछे कौन ताक़तें है?"

दरअसल यह घटना पंद्रह जून को घटी थी और पंडो आदिवासियों को इस आरोप पर पीटा गया कि उन्होंने कथित तौर पर तालाब से मछलियाँ चुराईं। पीटने वाले गाँव के प्रभावशाली लोग थे। पंद्रह जून की इस घटना को लेकर किसी की हिम्मत नहीं हुई कि थाने तक पहुँच पाएं। कलअचानक इस घटनाक्रम का वीडियो वायरल हो गया और तब पुलिस ने गाँव पहुंच पीड़ितों को तलाशा.. और बहुत हिम्मत दिलाने पर उनसे FIR कराई गई।यह FIR कल दर्ज हुई। पुलिस का दावा है कि कल ही सभी नामज़द आरोपियों को गिरफ़्तार कर जेल दाखिल करा दिया गया है।

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