Death case: जंगली सुअर को मारने बिछाया करंट जाल, चपेट में आने से हुई युवक की मौत

जंगली जानवरों से अपनी बाड़ी को बचाने के लिए भुपेंद्र जैन ने अपनी बाड़ी में बिजली तार बिछाया। जब उसने बिजली चालू किया तो झाड़ी के पास काम कर रहे युवक चंद्रिका को करंट लग गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2023-08-25 11:17 GMT

सिमगा। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार (balodabazar) जिले के सिमगा में जंगली जानवरों से अपनी बाड़ी को बचाने के लिए भुपेंद्र जैन ने अपनी बाड़ी में बिजली तार बिछाया। जब उसने बिजली चालू किया तो झाड़ी के पास काम कर रहे युवक चंद्रिका को करंट लग गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद भुपेंद्र और उसके साथियों ने साक्ष्य मिटाने की कोशिश की। मृतक के परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

मिली जानकारी के अनुसार, गुरूवार को सिमगा (sigma) निवासी बिरेंद्र गायकवाड़, पिता रामाधार गायकवाड़ उम्र 42 वर्ष ने थाने आकर पुलिस को सूचना दी कि, उसके भाई चंद्रिका उर्फ नरेंद्र गायकवाड़ की लाश पीपराही खार शिवनाथ नदी (shivnath river) के किनारे बोर बाड़ी के पास पड़ी मिली। शव मिलने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। पोस्टमार्टम (post mortam) रिपोर्ट में पता चला कि, मौत करंट (current) लगने से हुई है। इसके बाद पुलिस जांच में जुटी। संदेह के आधार पर भुपेंद्र जैन और उसके साथियों को हिरासत में लिया गया।

जानिए क्या है मामला

कड़ाई से पूछताछ करने पर भुपेंद्र जैन ने बताया कि, भुपेंद्र जैन और उसके साथी सुरेंद्र कुमार ओगरे, पिता मोहन ओगरे उम्र 20 वर्ष, नारायण साहू, पिता हेमुलाल साहू, उम्र 32 वर्ष, हरेंद्र साहू, पिता मंतराम साहू उम्र 23 वर्ष, संतु यादव, पिता चोवाराम यादव उम्र 37 वर्ष और सुरज निषाद, पिता बीरसिंग निषाद उम्र 29 वर्ष जंगली सुअर मारने के लिए केला बाड़ी के किनारे झाड़ी में लोहे का जीआई तार बिछाकर करंट प्रवाहित कर दिया, जिससे बोर बाड़ी में काम कर रहे चंद्रिका उर्फ नरेंद्र गायकवाड़ को करंट लगने से मौत हो गई। इसके बाद आरोपियों ने अपनी गलती छिपाने के लिए साक्ष्य मिटाने की नियत से मृतक के शव को मूल घटना स्थल से हटाकर मृतक के ही बोर बाड़ी के पास जाकर रख दिया। सबूत मिलने पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें न्यायलय में पेश किया।

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