अविश्वास प्रस्ताव पर बहस : अजय की टिप्पणी पर हंगामा, सीएम बोले-चंद्राकर की भाषा ठीक नहीं...
अजय चंद्राकर की एक टिप्पणी पर कांग्रेस के लगभग सभी आदिवासी विधायक खड़े होकर विरोध करने लगे। उनका कहना था, ऐसा करके आदिवासी समुदाय का अपमान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इसका विरोध किया। उन्होंने कहा, अजय चंद्राकर की भाषा ही ऐसी हो गई है... फिर क्या हुआ, पढ़िए...;
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, इस सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है। उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। चर्चा के दौरान भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने विश्व आदिवासी दिवस के औचित्य पर सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा, यह राजनीतिक छुट्टी है। इसके बाद सदन में बवाल मच गया। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
हंगामा मचने का कारण यह था कि, अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बोलते हुए संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त का जिक्र कर दिया। उन्होंने कहा, आदिवासी सम्मान से जुड़े इस दिवस को सरकार ने सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, विश्व आदिवासी दिवस उन देशों के लिए घोषित किया गया था जहां आदिवासी समुदाय संकटग्रस्त हैं। हमारे देश की इतिहास-परंपरा से इसका कोई लेना-देना नहीं है। चंद्राकर ने कहा, यह शुद्ध रूप से राजनीतिक छुट्टी है। इस बयान के बाद कांग्रेस के लगभग सभी आदिवासी विधायक विरोध में खड़े हो गए। उनका कहना था, ऐसा करके अजय चंद्राकर आदिवासी समुदाय का अपमान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इसका विरोध किया। उन्होंने कहा, अजय चंद्राकर की भाषा ही ऐसी हो गई है। किसी को आइटम गर्ल, किसी को चियर लीडर्स बोल दिया। यह ठीक नहीं है। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
बृजमोहन ने लगाया वादे पूरे नहीं करने का आरोप
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, इस सरकार ने पिछले तीन साल में कुछ भी नहीं किया। जिन वादों के सहारे सत्ता में आए उन वादों को भी पूरा नहीं कर रही है। वहीं कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने कहा, सत्ता में आने के बाद सरकार ने किसानों की कर्जमाफी, अधिग्रहीत जमीन वापस करने, 2500 रुपया प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने जैसे बड़े काम किए हैं। भाजपा विधायक पुन्नूलाल मोहले और सौरभ सिंह ने प्रदेश में अराजकता का मामला उठाया। कहा कि इस सरकार में छत्तीसगढ़ का विकास ठप्प हो गया है।
सुपेबेड़ा पर मंत्री की हुई किरकरी
इससे पहले आज भाजपा विधायक डमरुधर पुजारी के सवाल पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार घिर गए। उन्होंने कहा, हमारी पार्टी ने जन घोषणा पत्र में सुपेबेड़ा को लेकर कोई वादा ही नहीं था। 2 फरवरी 2019 को सुपेबेड़ा प्रवास के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने तेल नदी से वहां के आठ गांवों को समूह पेयजल योजना की घोषणा की थी। 13 अगस्त 2021 को उसकी प्रशासकीय स्वीकृति में फिल्टर प्लांट को भी सम्मिलित किया गया। अगस्त 2021 में निविदा आमंत्रित की गई थी। बाद में न्यूनतम निविदाकार की ओर से इसकी वैधता तिथि बढ़ाने से असहमति जताने पर नई निविदा जारी करने का फैसला हुआ है। इसकी कार्यवाही अभी प्रक्रिया में है। इसको लेकर विपक्ष ने काफी हंगामा किया। सरकार पर विफलता के आरोप मढ़े।