अनुकंपा नियुक्ति की मांग : अब प्रदर्शनकारियों ने करवाया मुंडन संस्कार, कहा...
अलग-अलग तरीके से धरना स्थल पर दिवंगत शिक्षाकर्मियों की पत्नियों का प्रदर्शन जारी है। कभी मशाल रैली, कभी कफन ओढ़ कर, कभी सब्जी बेचकर यह प्रदर्शन कर रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को अनुकंपा संघ के युवकों ने मुंडन संस्कार करवाया। पढ़िए पूरी खबर...;
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर दिवंगत शिक्षाकर्मियों की पत्नियां 72 दिन से आंदोलनरत है। अलग-अलग तरीके से रायपुर के बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पर इनका प्रदर्शन जारी है। कभी मशाल रैली, कभी कफन ओढ़ कर, कभी सब्जी बेचकर यह प्रदर्शन कर रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को अनुकंपा संघ के युवकों ने मुंडन संस्कार करवाया।
दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ की अध्यक्षा माधुरी मृगे का कहना है कि सरकार हमारे लिए संवेदनशील नहीं है। हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है, ना ही हमारी ओर ध्यान दिया जा रहा है। अगर आगे भी हमारी मांगों को और हमारी बातों को नहीं सुनी गई तो अभी सिर्फ युवकों ने मुंडन करवाया है, आगे समूह की महिलाएं भी मुंडन संस्कार करवाकर अपना विरोध दर्ज करवाएंगी। देखिए वीडियो-
4 साल से सिर्फ आश्वासन मिला
उल्लेखनीय है कि, कड़ाके की ठण्ड में दिवंगत शिक्षाकर्मियों की पत्नियां लगातार 72 दिन से राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल में धरने पर बैठी है। ये सभी अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही है। दिवंगत शिक्षाकर्मियों की पत्नियां लगातार आंदोलन कर रही हैं, लेकिन पिछले 4 सालों से सरकार की तरफ से आश्वासन के अतिरिक्त कुछ भी हासिल नहीं हुआ। पहले भी इन महिलाओं ने आंदोलन के दौरान सरकार का विरोध जताते हुए कई प्रयास किए हैं, लेकिन अब तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई है।
सब्जी और छत्तीसगढ़ी व्यंजन बेचकर किया था प्रदर्शन
बता दें कि इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने धरना स्थल से सिद्धिविनायक गणेश मंदिर तक लेट-लेटकर प्रदर्शन किया था। इतना ही नहीं जल समाधी लेने का प्रयास भी किया गया था, लेकिन पुलिस ने जैसे-तैसे इन्हें समझाकर वापस धरना स्थल भेजा था। सड़कों के किनारे सब्जी और छत्तीसगढ़ी व्यंजन बेचकर भी प्रदर्शन किया गया था। देखिए वीडियो-
अनुकम्पा नियुक्ति की मांग
दरअसल धरना स्थल पर अनुकम्पा नियुक्ति की मांग कर रही महिलाएं ये वो महिलाएं हैं जिनके पति पंचायत स्तर के स्कूलों में पढ़ा रहे थे। इन शिक्षकों में किसी की हादसे में मौत हो गई तो किसी को बीमारी ने छीन लिया। अब इन महिलाओं का कहना है कि पति की जगह सरकारी नौकरी दी जाए, लेकिन अफसरों ने इन्हें अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी है। इस कारण ये महिलाएं पिछले करीब दो महीने से आंदोलनरत है।