Dhanteras : धनतेरस पर आज बरसेगा धन,चार हजार करोड़ के कारोबार का अनुमान
पिछले साल की तुलना में 20 से 25 फीसदी ज्यादा होगा। इस बार धान खरीदी 1 नवंबर से होने से शुरू होने से किसानों के पास भी पैसा आने के कारण बाजार में ज्यादा खरीदारी होगी। राजधानी रायपुर के साथ प्रदेश के सभी शहरों के बाजार धनतेरस के लिए सज गए हैं। पढ़िए पूरी खबर ...;
रायपुर। धनतेरस (Dhanteras)पर शुक्रवार को राजधानी रायपुर (Raipur)के साथ प्रदेशभर के बाजारों में जमकर धनवर्षा होगी। सराफा बाजार (bullion market)में जहां 1500 करोड़ के कारोबार (business)का अनुमान है, वहीं आटोमोबाइल सेक्टर (automobile sector )में 1200 करोड़ के वाहन बिकेंगे। रीयल एस्टेट में 500 करोड़ का कारोबार होने का अनुमान है। इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल सेक्टर में कम से कम 400 करोड़ का कारोबार होगा। इसके अलावा बर्तन, फर्नीचर और कपड़ा बाजारको मिलाकर 400 करोड़ का कारोबार संभावित है। सभी सेक्टरों को मिलाकर एक ही दिन में चार हजार करोड़ का कारोबार हो सकता है,
ऐसा माना जा रहा है। यह कारोबार पिछले साल की तुलना में 20 से 25 फीसदी ज्यादा होगा। इस बार धान खरीदी 1 नवंबर से होने से शुरू होने से किसानों के पास भी पैसा आने के कारण बाजार में ज्यादा खरीदारी होगी। राजधानी रायपुर के साथ प्रदेश के सभी शहरों के बाजार धनतेरस के लिए सज गए हैं। कारोबारियों में इस बार ज्यादा खुशी का माहौल है। धनतेरस से पहले पुष्य नक्षत्र पर भी जमकर कारोबार हुआ है। इस बार पुष्य नक्षत्र पर प्रदेशभर में करीब दोहजार करोड़ का कारोबार होने के कारण धनतेरस पर इससे डबल कारोबार का अनुमान है। कारोबारी मानकर चल रहे हैं कि इस बार हर सेक्टर में ज्यादा कारोबार होगा।
बिकेंगे 35 हजार वाहन
ऑटोमोबाइल सेक्टर में जमकर बूम रहेगा। राजधानी रायपुर के साथ प्रदेशभर में एक ही दिन में करीब 30 से 35 हजार वाहनों के बिकने का अनुमान है। इसमें सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन की बिक्री होगी। चारपहिया वाहनों की बिक्री कम होती हैं।इसके अलावा ऑटो, कमर्शियल वाहन, ट्रैक्टर और अन्य वाहन भी बिकते हैं। कुल मिलाकर 12 सौ करोड़ के कारोबार का अनुमान है। राजधानी ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक गर्ग और जीके होंडा के संचालक पुनीत पारवानी के मुताबिक इस साल पिछले साल से ज्यादा कारोबार होगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मोबाइल भी बिकेंगे
इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार भी पूरी तरह से सज गया है। एसी, एलईडी, कंप्यूटर, फ्रिज, वॉशिंग मशीन सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के साथ मोबाइल का भी जमकर कारोबार होगा। कई कंपनियों ने नए मॉडल लांच किए हैं। दोनों सेक्टरों को मिलाकर चार सौ करोड़ का कारोबार होने का अनुमान है।
बर्तन- फर्नीचर, कपड़ा बाजार रहेगा गुलजार
सोने और चांदी के साथ धनतेरस पर बर्तनों की खरीदी को भी बहुत शुभ माना जाता है। खासकर तांबे, कांसे और स्टील के बर्तन भारी संख्या में बिकते हैं। इसी के साथ किचन के दूसरे सामान भी खरीदे जाते हैं। फर्नीचर की जमकर खरीदारी होती है। फर्नीचर में लकड़ी के साथ स्टील के आइटम भी बिकते हैं। कपड़ों की भी लगातार खरीदारी हो रही है। तीनों सेक्टरों को मिलाकर चार सौ करोड़ के कारोबार का अनुमान है।
रीयल एस्टेट में रहेगा बूम
रीयल एस्टेट में भी धनतेरस पर बूम रहेगा। राजधानी रायपुर में इस समय सबसे ज्यादा योजनाओं चल रही हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा कारोबार भी रायपुर में होगा। इसी के साथ भिलाई, दुर्ग, कोरबा, बिलासपुर सहित हर शहर में बिल्डर्स मकान बना रहे हैं।एक अनुमान के मुताबिक इस सेक्टर में 500 करोड़ का कारोबार होगा ।
सबसे बड़ा कारोबार होगा सराफा में
धनतेरस पर सबसे बड़ा कारोबार सराफा में होगा । अनुमान था कि धनतेरस से पहले सोना 70 हजार रुपए तक जा सकता है, लेकिन सोना 63 हजार से भी कम हो गया है। ऐसे में अच्छे कारोबार की संभावना है। सराफा कारोबारियों के मुताबिक एक ही दिन में पूरे प्रदेश में 15 सौ करोड़ का कारोबार अनुमानित है। राजधानी रायपुर में ही सात से आठ सौ करोड़ का कारोबार होने का अनुमान है। रायपुर सराफा कारोबारी लक्ष्मीनारायण लाहोटी का कहना है, चांदी के आइटम्स की थोक में कमी हो गई है। धनतेरस पर सोने से ज्यादा चांदी के सिक्के बिकते हैं। इसी के साथ अष्टलक्ष्मी लोटा, श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र, लक्ष्मी-गणेश मूर्ति, कछुआ की ज्यादा बिक्री होती है। रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश भंसाली के मुताबिक इस बार अच्छा कारोबार होने की संभावना है।
1500 करोड़ का सराफा कारोबार
1200 करोड़ के बिकेंगे वाहन
500 करोड़ के बिकेंगे घर
400 करोड़ के बिकेंगे कपड़ा, बर्तन, फर्नीचर
400 करोड़ का होगा इलेक्ट्रॉनिक्स- मोबाइल का कारोबार
हर सेक्टर में होगा ज्यादा कारोबार
छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि, हर सेक्टर में इस साल पिछले साल से ज्यादा कारोबार होने का अनुमान है। इस बार धनतेरस और दीपावली नवंबर में होने के कारण धान खरीदी होने का किसानों के पास पैसा भी आ गया है। किसानों के पास पैसा आने के बाद हमेशा बाजार में बूम आता है।