Doctor strike: जूनियर डॉक्टर बेच रहे चाय, MBBS चाय 2 रुपये और MD/MS चाय10 रुपए
छत्तीसगढ़ में 50-55 हजार रुपए मिलते हैं।किसी भी प्रदेश में 2 साल का बॉन्ड नहीं भरवाया जाता है। केवल छत्तीसगढ़ में ही ऐसा हो रहा है। पढ़िए पूरी खबर .....;
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के सभी 10 मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड और बॉन्ड अवधि कम करने की मांग को लेकर धरने पर हैं। इस बीच डॉक्टरों ने अस्पताल के बाहर ओपीडी लगाकर मरीजों का इलाज किया। पिछले चार दिनों से डॉक्टर धरने पर हैं, और अस्पताल के बाहर ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं। जिससे अस्पताल के अंदर की व्यवस्था पूरी तरह से लचर हो गई है।
डॉक्टरों की कैटेगरी के अनुसार चाय का दाम
डॉक्टर्स ने डिग्री के आधार पर मिलने वाले स्टाइपेंड की तरह चाय की भी कैटेगरी निर्धारित की है। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने बताया कि, जितने स्टाइपेंड के हम हकदार हैं, सरकार उससे कहीं कम स्टाइपेंड दे रही है, ठीक उसी तरह चाय का भी रेट रखा गया है। जूनियर डॉक्टर्स ने कहा, MBBS चाय की कीमत 5 रुपए है। जिसे वे 2 रुपए में बेच रहे हैं। MD/MS चाय जो 10 रुपए में मिलनी चाहिए, उसका रेट 5 रुपए रखा गया है। इस तरह स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स वाली चाय 20 रुपए में मिलनी चाहिए, लेकिन उसे भी 5 रुपए में बेच रहे हैं।
अन्य जिलों के भी डॉक्टर हैं हड़ताल पर
रायपुर के अलावा सरगुजा, कांकेर, जगदलपुर, रायगढ़ और राजनांदगांव के सरकारी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स भी काम बंद कर 31 जुलाई से हड़ताल पर चले गए हैं। इससे पहले एक हफ्ते तक अपनी मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर्स ने अस्पताल में काली पट्टी लगाकर मरीजों का इलाज किया था। प्रदेश में मेडिकल कॉलेज के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था जूनियर डॉक्टर्स के ही जिम्मे होती है और इनके हड़ताल पर जाने से सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है।
हमें नहीं मिल रहा पर्याप्त मानदेय
छत्तीसगढ़ जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मनु प्रताप सिंह के मुताबिक राज्य में जूनियर डॉक्टर्स को मिलने वाला स्टाइपेंड दूसरे राज्यों के मुकाबले बेहद कम है। उन्होंने बताया, आस-पास के स्टेट एमपी, झारखंड से भी कम स्टाइपेंड प्रदेश के जूनियर डॉक्टर्स को मिलता है। दूसरे प्रदेशों में जहां 95 हजार रुपए तक दिया जाता है। वहीं छत्तीसगढ़ में 50-55 हजार रुपए मिलते हैं।किसी भी प्रदेश में 2 साल का बॉन्ड नहीं भरवाया जाता है। केवल छत्तीसगढ़ में ही ऐसा हो रहा है। बीते 4 साल में मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। इसके चलते मजबूरन अब हड़ताल का कदम उठाना पड़ा है।
3 हजार से ज्यादा डॉक्टर्स हड़ताल पर
प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स की संख्या 3 हजार से ज्यादा है। ये सभी प्रदेश के अलग-अलग जिलों के मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हैं। इसके साथ ही ये लोगों का इलाज भी करते हैं। मनु प्रताप ने बताया कि, आज से रूटीन ओपीडी में सेवाएं बंद की जा रही हैं।