कोरोना को लेकर एक रुपए क्लीनिक की शुरुआत, जानिए क्या है एक रुपए क्लीनिक?
देश भर में कोरोना का मामला बढ़ता देख डॉ. विनय वर्मा ने सबकी जांच सही समय पर हो सके इसके लिए एक रुपए क्लीनिक खोलने का फैसला किया। इससे लोगों की जेब पर असर नहीं पड़ेगा।;
कोरोना के मामूली इंफेक्शन की वजह से लोगों को जान गंवाते देख डा. विनय वर्मा का मन बदला। सबकी जांच सही समय पर हो सके, इसके लिए उन्होंने क्लीनिक खोला और मरीजों की जेब पर फीस का अतिरिक्त भार ना पड़े, इसके लिए जांच फीस एक रुपए रखी। वे घर में प्रतिदिन और गंज इलाके में एक दिन एक रुपया क्लीनिक का संचालन करते हैं।
वर्तमान में राजधानी में सैकड़ों छोटे-बड़े नर्सिंग होम, अस्पताल और क्लीनिक का संचालन किया जाता है। यहां मरीजों की जांच के लिए फीस सौ रुपए से लेकर एक हजार रुपए तक होती है। इस बीच सेवा भाव का उद्देश्य लेकर डा. विनय वर्मा पिछले सालभर से एक रुपया क्लीनिक का संचालन कर रहे हैं।
विदेश से एमडी चिकित्सक की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजधानी में रहने वाले युवा डाक्टर विनय वर्मा विभिन्न सामाजिक कार्यों में भी भागीदारी निभाते हैं। मोवा स्थित श्री राम जानकी निवास पर सुबह के वक्त प्रतिदिन वे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की जांच कर उनकी बीमारी का उपचार करते हैं। इसके साथ ही गंज इलाके के पिथालिया कांप्लेक्स में मंगलवार को उनकी ओपीडी का संचालन किया जाता है, जहां प्रतिदिन तीस से चालीस लोग आकर अपना इलाज करवाते हैं। डा. वर्मा ने बताया कि आमतौर पर मोटी फीस की वजह से लोग होने वाली मामूली समस्या का इलाज नहीं करवाते और संक्रमण कई बार कोरोना जैसी बड़ी समस्या का कारण बन जाता है। सालभर से प्रतिदिन इस क्लीनिक का संचालन वे कर रहे हैं और आने वाले दिनों में भी इस एक रुपया क्लीनिक को नियमित रखने का निश्चय लेकर सेवा कर रहे हैं।
सीएमओ ड्यूटी भी कर रहे
डा. विनय वर्मा मूल रूप से आंबेडकर अस्पताल में आपात चिकित्सा अधिकारी के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा अस्पताल प्रबंधन से संबधित अन्य जिम्मेदारी भी वहन कर रहे हैं। आपात स्थिति में आने वाले मरीजों की तत्काल जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाने की ड्यूटी में उनकी सक्रिय भूमिका है।
पुलिस कर्मियों की कर चुके जांच
डा. विनय वर्मा द्वारा पिछले दिनों पुलिस कर्मियों की जांच के लिए एक रुपया क्लीनिक का संचालन किया गया। इस दौरान मौदहापारा थाना स्टाफ के साथ वहां के आवासीय परिसर में रहने वाले पुलिस कर्मियों के परिवार की भी बीपी-शुगर सहित अन्य समस्याओं की जांच कर जरूरी उपचार की सलाह दी गई।