हत्या, चोरी में अब पुलिस डॉग का इस्तेमाल नहीं, डेढ़ साल से खाली, वजन बढ़ रहा, डाइट बदला

डॉग स्क्वायड को जिले में सिर्फ लाॅ एंड आर्डर की ड्यूटी पूरी करने ही किया जा रहा है इस्तेमाल;

Update: 2021-05-08 02:55 GMT

रायपुर. जिले में क्राइम इन्वेस्टिगेशन के लिए पुलिस ने भी कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच अपने लिए व्यवस्था अब बदल दी है। चोरी हो या फिर मर्डर केस, अब यहां पर डॉग स्क्वाड की मदद लेकर जांच कार्रवाई पूरी तरह से बंद कर दी गई है। कोविड संक्रमणकाल में आलम कुछ ऐसा है कि डॉग स्क्वाड को जिले में सिर्फ लाॅ एंड आर्डर की ड्यूटी पूरी करने ही इस्तेमाल किया जा रहा है। गर्मी के दिनों में खोजी कुत्तों के डाइट प्लान में मजबूरन बदलाव भी करना पड़ा है। बिना किसी ड्यूटी, अभ्यास के खोजी कुत्तों के वजन पर भी अच्छा-खासा प्रभाव पड़ा है।

एक्सपर्ट के मुताबिक खोजी दल में ओवरवेट की चिंता बढ़ गई है और अब उनके डाइट प्लान बदलने पर भी जोर दिया जा रहा है। पिछले डेढ़ साल में खोजी कुत्तों की ड्यूटी कहीं नहीं लग पाई है। चोरी और दूसरी तरह के आपराधिक मामलों में पुलिस ने सिर्फ डिजिटल माध्यमों के जरिए अपराधियों को पकड़ने प्लान बनाया है। पुलिस लाइन में मौजूद डाॅग स्क्वाड के लिए ड्यूटी लॉ एंड आर्डर की व्यवस्था में सिर्फ स्टेडियम में क्रिकेट मैच के दौरान लगाई गई, लेकिन दूसरे क्राइम इन्वेस्टिगेशन के मामले में अभी स्क्वाड को कहीं भी बाहर नहीं निकाला जा सका है।

खोजी कुत्तों में दो ट्रैकर शामिल

पुलिस लाइन में डॉग स्कवाड में तीन खोजी कुत्ते शामिल हैं। इनमें एक लेब्राडोर, एक जर्मन शेफर्ड और मिक्स ब्रीड है। इसमें से एक बम एक्सप्लोसिव ट्रैकर है, जबकि दो डॉग चोरी के मामले में ट्रैकिंग करने में एक्सपर्ट हैं। हाल के छह से सात महीनों में शहर में घटित अपराधों में डॉग स्कवाड का उपयोग नहीं किया गया है। डॉग स्क्वाड के मेंबर बताते हैं, लाइन में रहते हुए खोजी कुत्तों के लिए सिर्फ अभी लाॅ एंड आर्डर के हिसाब से ट्रेनिंग का शेड्यूल ही बनाया जा रहा है।

साइबर क्राइम के केस में बदलाव

लॉकडाउन के दौरान अपराधी गैंग ने साइबर फ्राड की ओर रुख किया है। इसी कड़ी में ऐसे लोग, जो दूर हैं, उनके फोन नंबर से संपर्क कर उनके साथ ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। नकबजनी और हत्या जैसे संगीन अपराधों की संख्या बहुत कम है, जबकि ऑनलाइन फ्राॅड के मामले में आर्थिक अपराधों की लंबी चौड़ी लिस्ट है। इसमें डिजिटल माध्यमों के जरिए ही छानबीन की जा रही है। साइबर सेल प्रभारी आरके साहू के मुताबिक कुछ विशेष मामलों में पुलिस डॉग स्क्वाड की मदद लेकर छानबीन करती है। एक्सपर्ट टीम का ज्यादा फोकस डिजिटल जांच पर है।

स्टेडियम में लगी आखिरी ड्यूटी

डॉग स्क्वाड की आखिरी ड्यूटी नवा रायपुर के क्रिकेट स्टेडियम में लगाई गई थी। यहां क्रिकेट मैच आयोजन के दौरान बम स्क्वाड ने खोजी कुत्तों की ड्यूटी लगाकर एक्सप्लोसिव जांच की। जिले में एक खोजी डॉग स्पेशल एक्सप्लोसिव ट्रैकर है, ऐसे में उसकी मदद लेकर व्यवस्था संभाली गई थी।

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