कामन सिविल कोड पर बोले डा. रमन : UCC आदिवासी संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ नहीं, बेवजह ना बरगलाएं
देश में कामन सिविल कोड लागू होने से आदिवासी संस्कृति और परंपराओं पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं होगा। इसलिए श्री बघेल बिना सोचे समझे आदिवासियों को बरगलाने का काम ना करें। डा. रमन ने और क्या कहा... पढ़िए...;
स्वप्निल गौरखेड़े-रायपुर। कामन सिविल कोड पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को कहा था कि, देश में यदि कामन सिविल कोड लागू होगा तो आदिवासियों की परंपराओं का क्या होगा। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा है कि, कामन सिविल कोड आदिवासी संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए है। उन्होंने कहा कि, देश में कामन सिविल कोड लागू होने से आदिवासी संस्कृति और परंपराओं पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं होगा। इसलिए श्री बघेल बिना सोचे समझे आदिवासियों को बरगलाने का काम ना करें।
कामन सिविल कोड पर पीएम के बयान से सियासत गरमाई
उल्लेखनीय है कि, भारतीय जनता पार्टी के सन् 1980 में गठन के साथ ही कामन सिविल कोड पार्टी के एजेंड में शामिल रहा है। भाजपा हर चुनाव में अपने घोषणा पत्र में भी देश में कामन सिविल कोड लागू करने की बात को शामिल करती रही है। मंगलवार को ही प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एक देश एक विधान की बात कही थी। इसी के बाद से देशभर के सियासी गलियारे में कामन सिविल कोड पर जोरदार बहस छिड़ी हुई है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस का अंदरूनी झगड़ा दिल्ली पहुंचा
रायपुर पूर्व CM रमन सिंह ने आज कामन सिविल कोड पर बोले डा. रमन : UCC आदिवासी संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ नहीं, बेवजह ना बरगलाएं
दिल्ली में हो रही कांग्रेस की बैठक पर तंज कसते हुए कहा है कि, अब हड़बड़ी में है कांग्रेस। छत्तीसगढ़ में पार्टी के भीतर आपस में सिर– फुटौव्वल है। विरोध इतना है कि, प्रदेश अध्यक्ष नियुक्ति जारी करते हैं, फिर प्रभारी उसका खंडन करते जारी करते हैं। कांग्रेस के अंदर संघर्ष देखने को मिल रहा है। इसी संघर्ष से हो रही किरकिरी से पार्टी को बचाने की कोशिश करने के लिए आनन- फानन में दिल्ली में मीटिंग बुलाई गई है।
भाजपा की लगातार सक्रियता से बौखलाई कांग्रेस
वहीं छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के भाजपा को ’विदेशों से नेताओं को प्रचार के लिए बुलाना चाहिए’ वाले बयान पर डा. रमन ने कहा कि, बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार के खिलाफ सघन अभियान चला रही है। उससे कांग्रेस को बौखलाहट क्यों हो रही है। केंद्र की 9 साल की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। कांग्रेस के पास राहुल गांधी के सिवा कोई दूसरा नेता नहीं है, इसलिए उन्हें विदेश से नेताओं को बुलाने की जरूरत पड़ेगी।