मौसम की बेइमानी से परेशानी : गर्मी के दिनों में लगातार बारिश से तेंदूपत्ता तोड़ने में आ रही दिक्कत...रोजी-रोटी के पड़ जाएंगे लाले

बेमौसम बारिश की वजह से ग्रामीणों को काफी नुकसान उठना पड़ रहा है। एक बार फिर मौसम ने करवट ली है, जिसका असर खेती में दिखाई दे रहा है।...पढ़े पूरी खबर;

Update: 2023-05-12 09:29 GMT

जितेंद्र सोनी/जशपुर- छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में बेमौसम बारिश की वजह से ग्रामीणों को काफी नुकसान उठना पड़ रहा है। एक बार फिर मौसम ने करवट ली है, जिसका असर खेती में दिखाई दे रहा है। बारिश के कारण मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तेंदूपत्ता तोड़ाई करके जो मजदूर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। उनके लिए समस्या खड़ी हो गई है, पिछले तीन दिनों से हुई मूसलाधार बारिश ने तेंदूपत्ता संग्राहकों और किसानों की कमर तोड़ दी है। वैसे तो यह मौसम गर्मी का है, लेकिन लगातार बारिश ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया है।

वृक्षों में नए पत्ते आना बंद हो गए....

उल्लेखनीय है कि, जंगलों में तेंदू के पत्ते आना शुरू हुए ही थे। लेकिन अचनाक बारिस ने तेंदूपत्ता की ग्रोथ को रोक दिया। जानकारी के मुताबिक, बूदाबांदी और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण पत्ता में फुंसीनुमा नाम की बीमारी हो जाती है। इसके बाद पत्ता सिकुड जाता है, सिकुड़ा हुआ पत्ता उपयोग में नहीं आता जिसके चलते तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले मजदूरों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। बेहतर उत्पादन और ग्रोथ के लिए तेंदूपत्ता को तेज धूप के साथ गर्मी की जरूरत होती है। लेकिन इस बार बीच- बीच में मौसम में बदलाव हुआ। जिसके चलते तेंदूपत्ता को भारी नुकसान हुआ है।

अंचल वासियों के लिए तेंदूपत्ता ही एकमात्र आय का साधन...

बता दें, क्षेत्र में हजारों मजदूर तेंदूपत्ता सीजन में पत्ता संग्रहण कर अपना भरण-पोषण करने का काम हर साल करते हैं। वनांचल क्षेत्र के अंचल वासियों को तेंदूपत्ता आय का बेहतर साधन है। लेकिन इस बार तेंदूपत्ता पर मौसम ने भी कहर ढा रखा है। लगातार बदली, बूंदाबांदी, ओला और बारिश की स्थिति बनी होने से पत्ते पूरी तरह से तैयार नहीं हो पा रहे। अगर कुछ पत्ते तैयार हुए भी हैं, तो क्वालिटी खराब हो गई है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग सुबह से शाम पत्ता तोड़ने से लेकर बेचने में लग जाती है और दोपहर के बाद बारिश हो होती है जिससे रोजी-रोटी के लिए परेशानी उठानी पढ़ती है।

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