तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार को लिखा पत्र, पुरानी सेवाओं की गणना करने की मांग
राज्य के शिक्षाकर्मियों का संविलियन कर उन्हें शिक्षक स्थानीय संस्थाएं (एलबी) बनाया गया है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा भी लगभग 1 लाख शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया गया था जो वर्ष 1996 तथा 1998 से पंचायत विभाग के अधीन सेवारत् थे। उनका संविलियन जुलाई 2018 को किया गया। इनकी सेवाएं संविलियन दिनांक से मान्य होंगी।;
राज्य के शिक्षाकर्मियों का संविलियन कर उन्हें शिक्षक स्थानीय संस्थाएं (एलबी) बनाया गया है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा भी लगभग 1 लाख शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया गया था जो वर्ष 1996 तथा 1998 से पंचायत विभाग के अधीन सेवारत् थे। उनका संविलियन जुलाई 2018 को किया गया। इनकी सेवाएं संविलियन दिनांक से मान्य होंगी। इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि आधे से ज्यादा की 20-22 वर्षों की सेवाएं डूबत खाते में चली गईं।
कांकेर जिले के नरहरपुर शाला के शिक्षक द्वारा उच्च न्यायालय में प्रस्तुत याचिका में नियुक्ति दिनांक से सेवा की गणना करने का निर्देश स्कूल शिक्षा विभाग एवं जिला शिक्षा अधिकारी कांकेर को दिया है। इस आदेश का पूरे प्रदेश में पालन सुनिश्चित करने की मांग प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संध ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और शिक्षामंत्री प्रेमसाय सिंह से की है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खाॅन ने बताया कि शिक्षाकर्मियों का पूर्ववर्ती शासन में 1 जुलाई 2018 को लगभग 1 लाख शिक्षा कर्मियों का है जिनकी सेवाएं 8 वर्ष से अधिक हो चुकी थीं।
संविलियिन करने का आदेश किया था। तब उक्त शिक्षक 1996 से 1998 को नियुक्त शिक्षाकर्मी थे। उसके बाद वर्तमान् सरकार ने चुनाव पूर्व अपने जन घोषणापत्र में संविलियन का वादा किया था तथा लगभग शेष बचे 80 हजार शिक्षाकर्मियों को 1 जनवरी एवं 1 नवंबर 2020 को संविलियन का आदेश जारी किया किंतु इसमें पुरानी सेवाएं शामिल नहीं की गईं।