भूमिपूजन के दस साल बाद भी भवन का इंतजार करता एक हाईस्कूल: दस साल से कक्षाएं लग रही, भवन का पता नहीं
प्रतिवर्ष ग्रामीणों द्वारा ही बांस बल्ली के माध्यम से पुराने स्कूल जहाँ कक्षाएं लगती है वहाँ पर बाउण्ड्रीवाल बनाया जाता है। ग्रामवासियों ने बताया कि हम लोग दस साल से स्कूल भवन का इंतजार कर रहे है। जिला मुख्यालय दूर होने के कारण हम लोग आ भी नहीं सकते है, इसलिए हरिभूमि के माध्यम से इस समस्या को सरकार तक पहुँचाना चाहते है। हमारी माँग है कि आमागढ़ हाईस्कूल के लिए जल्द से जल्द भवन निर्माण करवाया जाएं, जिससे छात्रों को पूरी सुविधाएं मिल सके। पढ़िए पूरी ख़बर...;
कांकेर: जिले के विकासखंड दुर्गूकोंदल के अंतर्गत सात साल पहले आमागढ़ में हाईस्कूल स्वीकृत किया गया, परंतु आज तक न तो भवन नसीब हो पाया और न ही अन्य सुविधाएं मिल पाई है। कक्षाएं जिस भवन में लगती है, उस भवन में गाँव के लोग हर साल बाँस से बाउण्ड्रीवाल बनाते है। ग्रामीणों ने अपनी समस्या को हरिभूमि के माध्यम से सरकार तक पहुँचाने की बात भी कही है। विकासखंड मुख्यालय दुर्गूकोंदल से लगभग 7 किमी. की दूरी पर ग्राम आमागढ़ है और यहाँ पर 10 साल पहले हाईस्कूल घोषित किया गया था। दस साल से कक्षाएं लगना शुरू हो गई और भवन के लिए दस साल पहले भूमिपूजन भी हो गया था, उसके बाद विभाग व सरकार हाईस्कूल बनाना भूल गई। आमागढ़ में हाईस्कूल में पढ़ रहे छात्र व छात्राओं को कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। सरकार की सुविधाओं से पूरे स्कूल की छात्रों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने तो यह भी बताया कि बच्चों के हिसाब से जितने शौचालय की जरूरत है, वो भी नहीं है। विद्यालय के लिए जगह का चयन हो चुका है, तो उसमें भवन व बाउण्ड्रीवाल भी बनाना चाहिए। सरकार शायद हाईस्कूल की घोषणा करने के बाद भूल गई है। जिला मुख्यालय दूर होने के कारण हम लोग आ भी नहीं सकते है, इसलिए मीडिया के माध्यम से इस समस्या को सरकार तक पहुँचाना चाहते है। मीडिया के माध्यम से हम अपनी समस्या सरकार के संज्ञान में ला रहे है, शायद सोई सरकार हमारी बात सुन लें और भवन बनवा दें।