रायपुर से जुड़े नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन घोटाले के तार, दवा व्यापारी की शिकायत से खुलासा

रायपुर के कारोबारी ने पुलिस को पत्र लिखकर कहा- उन्होंने भी सूरत के कारोबारी को रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई के लिए एडवांस दिया था। पढ़िए पूरी खबर-;

Update: 2021-05-13 13:23 GMT

रायपुर। जबलपुर में मिले नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मल्टी स्टेट स्कैम के तार रायपुर से भी जुड़े होने का खुलासा हुआ है। इसकी जानकारी रायपुर के कारोबारी ने पुलिस को पत्र लिखकर दी है। पत्र में बताया गया है कि उन्होंने भी सूरत के कारोबारी को रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई के लिए एडवांस दिया था। रायपुर के डायमंड एजेंसी ने दावा है किया है रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई के लिए लगभग 6.80 लाख रूपये एडवांस दिया था। इंजेक्शन की सप्लाई नहीं होने और नकली होने के खुलासा के बाद पुलिस से शिकायत की गई है। औषधि वाटिका के दवा करोबारी ने सूरत के आदिनाथ डिस्पोजल एजेंसी के खिलाफ थाने में शिकायत की है। 

पुलिस को भेजा गया व्यापारी का शिकायती पत्र मिला है। हालांकि उस पत्र में तिथि का उल्लेख नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि माना पुलिस इस मामले की विवेचना कर रही है।

गौरतलब है कि गुजरात के सूरत से नकली रेमडेसिविर लाने और उसे खपाने के मामले में सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत सिंह मोखा को मुख्य आरोपी बनाया गया है। सरबजीत सिंह मोखा के तार गुजरात के मोरबी में बनी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से जुड़े हैं। जबलपुर से गिरफ्तार दवा व्यवसायी ने सरबजीत सिंह मोखा का नाम लिया था। उसके बाद इसने कहा था कि मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस जांच में मोखा के खिलाफ सबूत मिले हैं। इसके बाद सरबजीत सिंह मोखा पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

पुलिस ने मोखा का आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला कि मोखा डकैती की वारदात को भी अंजाम दे चुका है। वर्ष 2004 में हथियारों से लैस मोखा और उसके साथियों ने नेपियर टाउन में डकैती की थी। इस मामले में गोरखपुर पुलिस ने मोखा और उसके साथियों पर भारतीय दंड विधान की धारा 395, 397, 120 बी समेत आर्म्स एक्ट की धारा 25 व 27 के तहत प्रकरण दर्ज किया था।



 


 


Tags:    

Similar News