बीरगांव में फर्जी वोटर मामला : सत्यनारायण शर्मा ने किया दावा- हर आदमी यहां निवासरत, एक-एक आदमी को खड़ा करके साबित कर देंगे
जो लिस्ट जारी की गई वो 2018 की वोटर लिस्ट है. भाजपा ने उस समय दावा आपत्ति क्यों नहीं की. लिस्ट में कांग्रेस प्रत्याशी का भी नाम है. इसलिए फर्जीवाड़ा हो नहीं सकता. हर आदमी यहां निवासरत है. एक-एक आदमी को खड़ा करके साबित कर देंगे.;
रायपुर. बीरगांव में फर्जी वोटर के मामले ने तूल पकड़ लिया है. भाजपा-कांग्रेस में वार-पलटवार तेज हो गया है. पूर्व मंत्री अजय चंद्रकार के फ़र्ज़ी वोटर बनाने के आरोपों पर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने पलटवार किया है. सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि अजय चंद्राकर के आरोप निराधार और असत्य है.
जो लिस्ट जारी की गई वो 2018 की वोटर लिस्ट है. भाजपा ने उस समय दावा आपत्ति क्यों नहीं की. लिस्ट में कांग्रेस प्रत्याशी का भी नाम है. इसलिए फर्जीवाड़ा हो नहीं सकता. हर आदमी यहां निवासरत है. एक-एक आदमी को खड़ा करके साबित कर देंगे.
कांग्रेस की ताकत देख भाजपा परेशान हो गई है. भाजपा तिल का ताड़ बनाने का काम कर रही है. अजय चंद्राकर के जुबान में संतुलन नहीं है. दिमाग से काम नहीं लेते इसलिए वे इस तरह के बयान देते हैं और बाद में उनको पछतावा भी होता है.
बीरगांव में चुनावी फिजा पर सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि बीरगांव में सड़क, बिजली, पानी की व्यवस्थाएं कांग्रेस सरकार ने की. 15 साल में भाजपा की सरकार ने कुछ नहीं किया. पेय जल के लिए 104 करोड़ रुपये की सौगात सीएम भूपेश बघेल ने दी. कांग्रेस का जनाधार मजबूत है.
बता दें कि फर्जी वोटर मामले में हरिभूमि ने पड़ताल प्रारंभ की और सबसे पहले मतदाता सूची लेकर देखी को इसमें कई तरह के चौंकाने वाले तथ्य नजर आए. मसलन, वार्ड नंबर 28 के रायपुर पब्लिक स्कूल के बूथ की सूची में 990 मतदाता हैं। इसमें से आधे से ज्यादा वोटर तीन मकानों में ही रहते हैं. मतदाता सूची में मकान नंबर 382 ऐसा है जिसमें सबसे ज्यादा वोटरों के पते लिखे हुए हैं. गाजीनगर जाने पर वहां पर एक मकान 382 नंबर का दिखा जो दो मंजिला है. इसमें कुछ परिवर रहते हैं. इसी तरह से एक बेकरी को भी 382 नंबर का बताया जा रहा है. 382 नंबर के मकान में मकान मालिक का नाम लिखा हुआ है. बाहर से देखने पर लगता नहीं कि इस छोटे से मकान में 350 वोटर रहते होंगे, यह तार्किक तौर पर संभव भी नहीं दिखता.
वोटर लिस्ट से मिलान किया तो पाया कि इस पते पर ही शर्मा, खान, साहू, देवांगन, गुप्ता, अग्रवाल सहित कई वर्गों के परिवार के रहने की जानकारी दी गई है. आसपास के लोगों ने बताया यहां दस या बारह लोग ही रहते होंगे. ऐसे ही दो मकान और हैं, 383 और 384 जिनमें करीब 250 वोटरों के पते लिखे गए हैं. इसमें एक में बेकरी चलती है. खौफ ऐसा है कि कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं.
हरिभूमि ने गाजीनगर में पड़ताल की और लोगों से उनके नाम पूछे जिनके नाम 382, 383 और 384 नंबर के मकान के पते के साथ मतदाता सूची में लिखे हैं तो इनको जानने वाला कोई नहीं मिला. और तो और लोगों ने 383 और 384 नंबरों के बारे में अनभिज्ञता जताई कि ये मकान हैं. किसी को मालूम ही नहीं है कि ये मकान नंबर कहां हैं. एक 382 नंबर का ही मकान मिला, जो दो मंजिला है. उसी में सबसे ज्यादा वोटर बताए गए हैं. जांच करने पर आसपास के लोग छितर जाते हैं. यहां तक चुनाव लड़ने वाले और चुनाव लड़ रहे लोग भी इस मसले पर खामोश हो जाते हैं.
382 नंबर के मकान के नाम से ही करीब 350 वोटरों का पता लिखा गया है. इसमें ज्यादातर जहां मुस्लिम समाज के लोग हैं, वहीं इसी पते पर जफीर खान, शकीना खातून, विजय शर्मा, संदीप गुप्ता, महावीर चौधरी, पुष्पा ध्रुव, त्रिवेणी ठाकुर, यशोदा देवांगन, राकेश सेन, नेहा सिंह, प्यारेलाल, भगली बाई यादव, प्रीति कुशवाहा, कृष्णा राठौर, अनिता गुप्ता सहित कई नाम हैं. कुल मिलाकर अलग-अलग हिस्सों में 350 वाेटरों का एक ही पता है. मतदाता सूची में तो आधा दर्जन से ज्यादा ऐसे पेज हैं जिनमें लाइन से 382 नंबर के मकानों के पते के साथ वोटरों के नाम हैं.