सिहावा विधायक पर FIR : लक्ष्मी ध्रुव पर 23.50 लाख की ठगी और लाभ के दोहरे पद पर रहने का आरोप, दुर्ग कोर्ट से समन जारी

लाभ के दोहरे पद पर रहने और एक महिला से गर्व इंस्टीट्यूट का डायरेक्टर बनवाने का लालच देकर 23.50 लाख की ठगी का आरोप है। मामले की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग में हुई। अदालत में शिकायत व साक्ष्य का अवलोकन करने के बाद विधायक लक्ष्मी ध्रुव पर धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2022-07-28 07:24 GMT

दुर्ग। धमतरी जिले के सिहावा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी की विधायक लक्ष्मी ध्रुव पर दुर्ग जिला कोर्ट में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। लाभ के दोहरे पद पर रहने और एक महिला से गर्व इंस्टीट्यूट का मेंबर व डायरेक्टर बनवाने का लालच देकर 23.50 लाख की ठगी का आरोप है। मामले की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग अमृता दिनेश मिश्रा की अदालत में हुई। अदालत में शिकायत व साक्ष्य का अवलोकन करने के बाद विधायक लक्ष्मी ध्रुव पर धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

पीड़ित महिला पूर्णिमा ठाकुर के अधिवक्ता बीपी सिंह के मुताबिक विधायक लक्ष्मी ध्रुव उतई के गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान की अध्यक्ष थीं। वह इस पद पर 2010 से 2018 तक रहीं। इसी दौरान उनकी मुलाकात प्रगति महिला गोंड़वाना समाज की सदस्य भिलाई निवासी पूर्णिमा ठाकुर से हुई। आरोप है कि लक्ष्मी ध्रुव ने पूर्णिमा को गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान में सदस्य और उसके बाद डायरेक्टर बनाने का लालच दिया। डायरेक्टर बनाने के लिए लक्ष्मी ध्रुव ने पूर्णिमा ठाकुर से 23.50 लाख रुपए की डिमांड की। पूर्णिमा ठाकुर ने अलग-अलग चेक के माध्यम से वह पैसा संस्थान के खाते में ट्रांसफर किया। पूर्णिमा ठाकुर ने 2010 में संस्थान में ज्वाइन किया। वह डायरेक्टर बनीं और 2013 तक कार्य कर 1300 रुपए प्रतिमाह पेट्रोल भत्ता भी लिया। आरोप है कि इसके बाद लक्ष्मी ध्रुव ने पूर्णिमा ठाकुर को यह कहते हुए निकाल दिया कि संस्था की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन इस दौरान लक्ष्मी घु्रव ने पूर्णिमा ठाकुर को उसकी रकम वापस नहीं की।

कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर रहते निजी इंस्टीट्यूट में भी सेवा देती रहीं

अब पूर्णिमा ठाकुर की ओर से दुर्ग जिला न्यायालय में दायर परिवाद में यह आरोप लगाया गया है कि लक्ष्मी ध्रुव एक साथ लाभ के दो पदों पर पदस्थ रही हैं। गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान में अध्यक्ष रहने के दौरान ही वे शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्व. शासकीय महाविद्यालय दुर्ग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहीं। लक्ष्मी ध्रुव की महाविद्यालय में नियुक्ति 13 जनवरी 1988 से है। वे यहां 8 अक्टूबर 1993 को परमानेंट हुईं और 31 जुलाई 2017 तक कार्यरत रहीं। इस दौरान लक्ष्मी ध्रुव दोनों जगहों से ही लाभ लेती रहीं। इस तरह वह 2010 से 2017 तक दोहरे लाभ के पद पर कार्यरत रहीं। यह कानूनन अपराध है। न्यायालय में इससे संबंधित सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजों को भी पेश किया गया है।

विधायक बनने के बाद भी इंस्टीट्यूट की चेयरपर्सन रहीं

यह भी आरोप लगाया है कि लक्ष्मी ध्रुव ने सिहावा विधानसभा से 2018 में चुनाव जीता और विधायक बनीं। इसके बाद भी वो गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान में चेयरपर्सन के रूप में कार्य करती रहीं। इस दौरान उन्होंने गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान को 2019-2020 की मान्यता दिलाने के लिए संस्थान की चेयरपर्सन के रूप में अपने हस्ताक्षर करके ऑल इंडिया काउंसिल टेक्निकल (NICT) नई दिल्ली को पत्र लिखा है।

समाज सेवा के लिए काम किया, लाभ के लिए नहीं : लक्ष्मी ध्रुव

उधर विधायक लक्ष्मी ध्रुव का कहना है कि जिस महिला ने आरोप लगाया है वह भी सोसायटी की मेंबर है। उसने द्वेशवश बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। मैं उसका जवाब कोर्ट में दूंगी। महिला के ऊपर मानहानि का दावा करूंगी। महिला ने जो रुपए दिए हैं वो सोसायटी में दिया है। मुझे व्यक्तिगत रूप से कोई रुपया नहीं दिया है। हमें अपने सीएसआर में सामाजिक कार्य दिखाना पड़ता है। इसलिए उस संस्था की सदस्य बनी थी। गर्व इंस्टीट्यूट में मेरा कोई लाभ का पद नहीं था।

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