IPS उदयकिरण समेत तीन के खिलाफ FIR, सुप्रीम कोर्ट का स्टे हटा..हाईकोर्ट का फैसला बहाल
पीड़ितों ने मामले की पुलिस के उच्च अधिकारियों से शिकायत की। इसके बावजूद जुर्म दर्ज नहीं करने पर खिलाड़ी ने अधिवक्ता सिद्धार्थ राठौर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका में आईपीएस समेत अन्य द्वारा मारपीट किए जाने का वीडियो, मेडिकल रिपोर्ट समेत अन्य साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। पढ़िए पूरी खबर-;
रायपुर। छत्तीसगढ़ के आईपीएस उदयकिरण सिन्हा समेत तीन अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज होना अब तय हो चुका है। महासमुंद के जिस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा था कि इन आरोपी अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। लेकिन छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। इसके बाद मामले में सुप्रीम कोर्ट से सटे भी मिल गया। इसलिए एफआईआर नहीं हो सका। ताजा खबर यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश को बहाल किया है, यानी उक्त तीनों के खिलाफ एफआईआर होना अब तय है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने थाने में विधायक व आम लोगों की बेरहमी से पिटाई के आरोपी, विवादित आईपीएस उदय किरण समेत तीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। बता दें कि महासमुंद निवासी महिला खिलाड़ी के साथ जून 2018 में छेड़छाड़ हुई थी। महिला खिलाड़ी ने इसकी शिकायत थाने में की। कार्रवाई न होने पर वह महासमुंद के तत्कालीन विधायक डॉ. विमल चोपड़ा समेत अन्य के साथ थाने गई। उसी समय महासमुंद के तत्कालीन सीएसपी आईपीएस उदय किरण थाने पहुंचे और गाली-गलौज करने लगे। उसने एसआई समीर डुंगडुंग व आरक्षक छत्रपाल सिन्हा के साथ मिलकर विधायक डॉ. चोपड़ा, शिकायतकर्ता महिला खिलाड़ी व साथ गए लोगों की बेरहमी से पिटाई की। गंभीर रूप से घायल विधायक समेत अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ितों ने मामले की पुलिस के उच्च अधिकारियों से शिकायत की। इसके बावजूद जुर्म दर्ज नहीं करने पर खिलाड़ी ने अधिवक्ता सिद्धार्थ राठौर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका में आईपीएस समेत अन्य द्वारा मारपीट किए जाने का वीडियो, मेडिकल रिपोर्ट समेत अन्य साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। जस्टिस गौतम भादुड़ी की कोर्ट ने इस मामले में महासमुंद पुलिस को आईपीएस उदय किरण, एसआई समीर डुंगडुंग व आरक्षक छत्रपाल सिन्हा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए स्टे ले लिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश को बहाल कर दिया है। इसकी जानकारी विमल चोपड़ा ने महासमुंद में एक पत्रकार वार्ता में दी है।