धरनास्थल पर 300 लोगों का बन रहा खाना, गैस चूल्हा लेकर पहुंचे प्रदर्शनकारी

रायपुर, दुर्ग, भिलाई वालों ने जुटाई सब्जी और चावल, सामूहिक सहयोग से सहायक शिक्षकों लगाई जुगत, सहायक शिक्षकों ने शनिवार शाम बूढ़ापारा धरनास्थल से श्याम टॉकीज तक कैंडल मार्च निकाला। इसके साथ ही सतनाम धर्म के प्रवर्तक गुरू घासीदास की जयंती अवसर पर महिला सहायक शिक्षकों ने पंथी नृत्य कर कला प्रदर्शित की। पढ़िए आन्दोलनकारियों का हाल..;

Update: 2021-12-19 03:25 GMT

रायपुर: प्रदेशभर के अलग-अलग जिलों से राजधानी में धरना दे रहे सहायक शिक्षकों ने शनिवार को आपस में सहयोग कर धरनास्थल पर 300 लोगों का खाना एक ही जगह बनाया। खास बात ये रही कि बस्तर, सरगुजा संभाग की महिला सहायक शिक्षक अपने घर से रसोई गैस लेकर धरना स्थल पर आई हैं। इसी रसोई गैस से सबके लिए खाना बन रहा है। रायपुर जिले के पदाधिकारी दुर्ग, भिलाई से आए सहायक शिक्षक अपने साथियों के लिए बाजार से हरी सब्जी, चावल और दाल खरीदकर भोजन का प्रबंध कर रहे हैं। इतना ही नहीं, स्थानीय सहायक शिक्षकों ने बाहर से आए साथियों को रात में मच्छर से बचाने मच्छदानी का प्रबंध धरनास्थल पर कर दिया है।

होटल में खाना महंगा, इसलिए धरनास्थल पर रसोई

प्रदेश के 28 जिलों से इन दिनों वेतन विसंगति दूर करने की मांग कर रहे सहायक शिक्षक धरना स्थल पर डेरा डाले हुए हैं। इनमें से कुछ सहायक शिक्षक शहर के पुरानी बस्ती के राम मंदिर, जैतूसाव मठ के पास धर्मशाला, स्टेशन रोड स्थित धर्मशाला, बूढ़ेश्वर मंदिर के अलावा सामाजिक भवनों में शरण लिए हुए हैं। वहीं सैकड़ों की संख्या में धरनास्थल पर पंडाल में रात गुजारने वाले भी हैं। सूत्रों के मुताबिक बाहर से आए आंदोलनकारियों ने पहले होटलों में जाकर खाना खाया। खाना महंगा होने की वजह से इन लोगों ने सामूहिक सहयोग से धरनास्थल में रसोई सजा ली। महिला कर्मचारी उनके इस कार्य में पूरा सहयोग कर रहे हैं। बर्तन, थाली, कड़ाही से लेकर रसोई की सारी जरूरी चीजें इन्होंने खुद के साधन से जुटाई है।

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