गाेबर ने साढ़े सात हजार पशुपालकों को बनाया लखपति, अब तक 80.42 करोड़ का भुगतान

गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश के साढ़े सात हजार से अधिक पशुपालक लखपति बने हैं। योजना के तहत पंजीकृत पशुपालकों से गोबर खरीदी कर उन्हें हर 15 दिन में भुगतान किया जाता है। प्रदेश में इस योजना के तहत 2 लाख 70 हजार से अधिक हितग्राही पंजीकृत है। पंजीकृत में से करीब 1 लाख 67 हजार पंजीकृत लोगों से गोबर खरीदी में 25 हजार से एक लाख तक की आय प्राप्त करने वाले करीब 72 सौ और एक लाख से अधिक भुगतान प्राप्त करने वाले 324 हितग्राही है।;

Update: 2021-03-16 08:15 GMT

रायपुर. गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश के साढ़े सात हजार से अधिक पशुपालक लखपति बने हैं। योजना के तहत पंजीकृत पशुपालकों से गोबर खरीदी कर उन्हें हर 15 दिन में भुगतान किया जाता है। प्रदेश में इस योजना के तहत 2 लाख 70 हजार से अधिक हितग्राही पंजीकृत है। पंजीकृत में से करीब 1 लाख 67 हजार पंजीकृत लोगों से गोबर खरीदी में 25 हजार से एक लाख तक की आय प्राप्त करने वाले करीब 72 सौ और एक लाख से अधिक भुगतान प्राप्त करने वाले 324 हितग्राही है।

गोधन न्याय योजना की 14वीं किस्त के भुगतान में पशुपालकों को अब तक 80 करोड़ 42 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गोबर खरीदी गोठान समितियों द्वारा की जाती है। गोबर खरीदी की माॅनिटरिंग करने कृषि विभाग ने एक सेल का गठन किया है। प्रदेश के सभी जिलों से की गई खरीदी का भुगतान अब पशुपालकों के खाते में किए जाने का प्रावधान किया गया है। पंजीकृत हितग्राहियों की संख्या सबसे अधिक रायपुर में 39 हजार 386 में से 8234, रायगढ़ जिले से 24 हजार पंजीकृत हैं इनमें से 18 हजार, राजनांदगांव जिले में 20 हजार से पंजीकृत में से 19 हजार और सबसे कम नारायणपुर में 2671 पंजीकृत में से 1114 हितग्राही गोबर बिक्री करते हैं।

95 प्रतिशत पशुपालकों को मिली 25 हजार से कम राशि

गोधन न्याय योजना के अंतर्गत हर 15 दिन में गोबर खरीदी की राशि का भुगतान पशुपालकों और गोबर संग्राहकों को किया जाता है। जारी भुगतान के आंकड़े के अनुसार पंजीकृत हितग्राहियों में से 1 लाख 67 हजार से अधिक पशुपालकों में से 25 हजार रुपए से कम का भुगतान पाने वालों की संख्या 1 लाख 59 हजार 668 रही। जो कुल संख्या का लगभग 95 प्रतिशत है। वहीं 25 हजार से 1 लाख तक भुगतान पाने वालों की संख्या 7260 और एक लाख से अधिक का भुगतान पाने वालों संख्या 334 है। इनमें रायपुर जिले के 89, राजनांदगांव के 86, कोरिया के 31 और बालोद के 23 पशुपालक शामिल हैं।

रायपुर में सबसे अधिक भुगतान

प्रदेश के सभी जिलों में की जा रही गाेबर खरीदी के आंकड़ों के अनुसार रायपुर जिले में 9.80 करोड़, राजनांदगांव में 9.21 करोड़, रायगढ़ में 5.41 करोड़, धमतरी जिले में 3.71 करोड़ और दुर्ग जिले में अब तक 3.60 करोड़ और सबसे कम 8.38 लाख का भुगतान नारायणपुर जिले में पशुपालकों को किया जा चुका है।

वर्मी कंपोस्ट बिक्री की कार्ययोजना तैयार

कृषि विभाग के अनुसार गोठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय के लिए सहकारिता सहित अन्य विभागों के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। सभी जिलों में गोठानों में मल्टीयूटिलिटी सेंटर और उत्पादित वस्तुओं के विक्रय के लिए सीजी मार्ट विकसित किए जाएंगे। गोठानों में वर्मी खाद उत्पादन से लगभग एक करोड़ रुपए हासिल किए गए। प्रदेश में स्वावलंबी गोठानों की संख्या 226 से बढ़कर 251 हो गई है।

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