गोंगपा का झंडा विवाद: हिंसक प्रदर्शन करने वाले 60 कार्यकर्ताओं पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज, सलाखों के पीछे प्रदर्शनकारी, सैंकड़ों संदेहियों से पूछताछ जारी

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से बड़ी संख्या में मोबाइल, 30 मोटरसाइकिल और 1 पिकअप वाहन भी जब्त किया है। इसके अलावा धारदार हथियार और बड़ी मात्रा में पत्थर लाठी, डंडा भी बरामद किया है। पढ़िए पूरी खबर…;

Update: 2023-03-05 08:00 GMT

कवर्धा। सतरंगी झंडे के अपमान पर मचे घमासान पर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के 60 कार्यकर्ताओं के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। इतना ही नहीं जांच के अनुसार अन्य धाराएं भी जोड़ी जा रही हैं। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष जे लिंगा के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। बता दें कि कवर्धा जिले के हरमो गांव में शुक्रवार को हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान एसपी लाल उमेद सिंह, एडीशनल एसपी मनीषा रावटे सहित 23 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

संदेहियों से जारी है पूछताछ

वहीं लगभग डेढ़ सौ से अधिक लोगों को संदेही मानकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से बड़ी संख्या में मोबाइल, 30 मोटरसाइकिल और 1 पिकअप वाहन भी जब्त किया है। इसके अलावा धारदार हथियार और बड़ी मात्रा में पत्थर लाठी, डंडा भी बरामद किया है। शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद शनिवार सुबह से गांव का माहौल शांत है।

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राजनांदगांव में रैली के दौरान हिंसक प्रदर्शन

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ता 3 मार्च को राजनांदगांव में जमा हुए थे। यहां से रैली निकालते हुए वे हरमो की ओर बढ़ रहे थे। पार्टी कार्यकर्ताओं और धर्म गुरु दुर्गे भगत के बीच विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर गोंगपा के कार्यकर्ताओं ने पथराव कर दिया। पुलिस ने इन्हें रास्ते में रोकने का प्रयास किया तो और भड़क गए और लाठी-डंडे से जानलेवा हमला कर दिया था। इन्होंने ग्रामीणों पर भी पथराव किया।

सतरंगी झंडे के अपमान से जुड़ा है मामला

हरमो गांव के पूजा स्थल पर गोंगपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी का सतरंगी झंडा लगा दिया था, जिसे ग्रामीणों ने हटा दिया था। सतरंगी झंडे को धर्म गुरु दुर्गे भगत द्वारा उतारने का आरोप लगाते हुए गोंगपा ने उन पर कार्रवाई की मांग की थी। वहीं गांव के लोगों का कहना था कि यह पार्टी का झंडा है। यहां पर सिर्फ पूजा पाठ वाला झंडा ही होना चाहिए। इसके बाद 14 फरवरी को पूजा स्थल से पार्टी का झंडा हटा दिया गया था। इसके बाद समाज के धर्म गुरु दुर्गे भगत के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी।

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