10 रूपए का सिक्का चलाने लिए ग्राहक बनकर 20 दुकानों पर पहुंची हरिभूमि टीम
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए 10 रुपए के सिक्के रायपुर जिले के बाजारों में नहीं चल रहे हैं। इसकी शिकायत कलेक्टर से भी की गई है;
रायपुर। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए 10 रुपए के सिक्के रायपुर जिले के बाजारों में नहीं चल रहे हैं। इसकी शिकायत कलेक्टर से भी की गई है, जिस पर कलेक्टर ने जिले के समस्त व्यापारियों से सिक्का लेने की अपील करने के साथ हिदायत भी दी है कि सिक्का नहीं लेने वाले व्यापारियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कराया जाएगा। कलेक्टर के इस दिशा-निर्देश के बावजूद शहर में 10 रुपए का सिक्का व्यापारियों द्वारा नहीं लिया जा रहा है। हरिभूमि की टीम शनिवार को शहर के बाजारों में 10 रुपए का सिक्का को लेकर पड़ताल की तो पता चला कि शहर में कुछेक व्यापारियों को छोड़कर कोई भी ये सिक्के लेने को तैयार नहीं है।
ग्राहक बनकर 20 दुकानों तक पहुंची हरिभूमि टीम, 6 जगह चले, 14 ने किया इंकार
शहर के बाजारों में 10 रुपए का सिक्का चल रहा है या नहीं? इसका पता लगाने के लिए हरिभूमि की टीम अमलीडीह, न्यू राजेंद्र नगर, कटोरा तालाब, संतोषीनगर, कालीबाड़ी, टिकरापारा सहित शहर के अलग-अलग इलाकों के बाजारों में भी पहुंची और ग्राहक बनकर पान ठेला, गुचपचुप ठेला, सब्जी दुकान, प्रोविजन स्टोर, दुग्ध डेयरी सहित छोटी-बड़ी 20 दुकानों में खानपान की चीजें खरीदने के बहाने यह सिक्का चलाने का प्रयास भी किया। इसमें सिर्फ चार दुकानदारों ने सिक्के लिए, जबकि 16 दुकानदारों ने कहा, यह सिक्का नहीं चलेगा। हरिभूमि ने जब सिक्का नहीं लेने वालों से इसका कारण जानने का प्रयास किया तो सभी का यही कहना था कि यह सिक्का बाजार में कहीं नहीं चल नहीं रहा है, इसलिए वे भी नहीं लेते हैं। कटोरा तालाब में संत कंवरराम चौक स्थित एक पान ठेले पर पहुंची टीम।
टीम हरिभूमि- एक मीठा मसाला पान दीजिए, कितने पैसे?
दुकानदार- 15 रुपए। पान लेने के बाद 10 रुपए के दो सिक्के निकालकर दिए।
दुकानदार- ये सिक्के नहीं चलेंगे।
टीम - क्यों?
दुकानदार: पूरे कटोरा तालाब में कोई यह सिक्का नहीं लेता, इसलिए हम भी नहीं लेते।
टीम - कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं, लेना जरूरी है, नहीं तो उसके खिलाफ केस हो सकता है।
दुकानदार: किसी के भी निर्देश हो, फर्क नहीं पड़ता, जब सभी लेंगे, तब मैं भी लूंगा।
न्यू राजेंद्र नगर स्थित अमृततुल्य चाय दुकान में चाय पीने के बाद दस रुपए का सिक्का दिया।
दुकानदार: यह नहीं चलेगा।
टीम- क्यों नहीं चलेगा?
दुकानदार: यह सिक्का नहीं चलता है, इसलिए नहीं लेंगे।
टिकरापारा स्थित सब्जी बाजार में
एक सब्जी दुकान में सब्जी खरीदी करने के बाद दस-दस रुपए के सिक्के दिए
सब्जी दुकानदार: ये सिक्के नहीं लूंगा, नोट दीजिए।
टीम- क्यों नहीं लेंगे?
दुकानदार : बाजार में कोई ये सिक्का नहीं लेता, कहीं भी देकर देख लो।
टीम- क्यों नहीं लेते?
दुकानदार- पूरे रायपुर में यह सिक्का नहीं चलता। बैंक में देने जाओ तो वे भी नहीं लेते हैं।
संतोषी नगर टिकरापारा स्थित अग्रवाल मिठाई दुुकान के सामने संजू चाट सेंटर में गुपचुप खाने के बाद दस रुपए का सिक्का दिया।
दुकानदार : यह नहीं चलेगा भैया।
टीम- क्यों नहीं चलेगा?
दुकानदार: इसे कोई नहीं लेता।
टीम- कलेक्टर के निर्देश हैं सिक्का लेने के, नहीं लोगे तो केस हो सकता है।
दुकानदार : केस कर सकते हो, कोई दिक्कत नहीं।
कालीबाड़ी चौक स्थित इंडियन डेलीनीड्स दुकान से पेपरबोट स्विंग जूस खरीदने के बाद दस रुपए का सिक्का दिया।
दुकानदार- यह नहीं चलेगा, नोट दीजिए।
टीम - सिक्के पर बैन थोड़ी लगा है, क्यों नहीं चलेगा?
दुकानदार: वो सब पता नहीं, लेकिन यह सिक्का कोई नहीं लेता, इसलिए मैं भी लेना बंद कर दिया हूं।
नांदगांव एवं ओडिशा में चल रहे सिक्के
हरिभूमि की टीम से जिन चार दुकानदारों ने दस रुपए के सिक्के लिए, उनमें से एक अमलीडीह स्थित चिल्हर सब्जी विक्रेता टिकेश्वरी साहू ने बताया कि पहले वह भी ये सिक्के लेती थी, लेकिन जब सिक्के लेना उनके ग्राहकों ने बंद कर दिया तो उसने भी ग्राहकों से 10 रुपए के सिक्के लेना बंद कर दिया है। उसके पास 100 से अधिक दस रुपए के सिक्के घर में रखे हुए हैं। उन सिक्कों को चलाने के लिए उसे राजनांदगांव या फिर ओडिशा जाना पड़ेगा, क्योंकि वहां ये सिक्के चलते हैं।