हरिभूमि. कॉम की खबर का असर : ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की नीयत से शासन के नियमों को किया था दरकिनार, अब हुआ काम शुरू
डीएमएफ मद की राशि से चल रहे इस काम की जानकारी जैसे ही हरिभूमि. कॉम तक पहुंची, सबसे पहले वन विभाग के इस भ्रष्टाचार को हमने अपने पाठकों के सामने उजागर किया था। इसके बाद से ही वन विभाग अब जाकर इस कार्य शुरू करने की कवायद शुरू कर दिया है। पढ़िए पूरी खबर..;
पंकज भदौरिया-दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में वन विभाग जंगल ट्रेल बनाने के नाम पर 1 करोड़ 80 लाख रुपये खर्च करने की बात गीदम परिक्षेत्र के पंचायत के पास कर रहा था। इसी निर्माण में रायपुर के ठेकेदार द आर्ट फैक्ट्री ने अब सामान गिराना शुरू कर दिया है। दरअसल ठेकेदार को बिना काम शुरू हुये निर्माण राशि का 40% लगभग 62 लाख रुपये वन विभाग ने अग्रिम राशि के रूप में थमा दिया गया था। डीएमएफ मद की राशि से चल रहे इस काम की जानकारी जैसे ही हरिभूमि. कॉम तक पहुंची, सबसे पहले वन विभाग के इस भ्रष्टाचार को हमने अपने पाठकों के सामने उजागर किया था। इसके बाद से ही वन विभाग अब जाकर इस कार्य शुरू करने की कवायद शुरू कर दिया है।
वहीं, जंगल ट्रेल निर्माण में तात्कालिक डीएफओ संदीप बलगा ने ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की नीयत से शासन के नियमों को दरकिनार करते हुए यह टेंडर पारदर्शिता के बिना लगाया था। क्योंकि राष्ट्रीय स्तर के समाचारपत्र में भी प्रकाशित नहीं किया गया। टेंडर लगते ही ठेकेदार को अग्रिम राशि के रूप में 40% राशि भुगतान कर वन विभाग द्वारा कमीशन का जमकर खेल खेला गया। इसकी वजह से ठेकेदार को किसी तरह का कार्य पूरा करने का दबाव विभाग द्वारा दबाव नहीं दिया जा रहा था।
ठेकेदार साइड पर निर्माण सामग्री के साथ दिखे
द आर्ट फैक्ट्री के ठेकेदार कार्यस्थल में निर्माण सामग्री के साथ पहुंचे। यहां एक 12 चक्का वाहन पर टाइल्स भरी गाड़ी नजर आई। क्योंकि लगातार मीडिया में पोल खुलती खबर से वन विभाग के इस कार्य में लिप्त अधिकारियों और ठेकेदार पर शिकंजा कसता जा रहा था। अब देखना ये है कि, 1 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार होने वाला जंगल ट्रेल दंतेवाड़ा जिले के बाशिंदों के लिए कितना कामगार साबित होगा, या ये भी अधिकारियों और ठेकेदार के पैसे निगलने तक ही सिमट कर रह जायेगी।