Health Department : निजी अस्पताल में लगाया पेसमेकर, निकलने लगा मवाद...'आंबेडकर' में बची मरीज की जान
रायपुर। आंबेडकर अस्पताल (Ambedkar Hospital)में डॉक्टरों ने राजधानी निवासी 75 वर्षीय मरीज (patient)के हृदय में दाहिनी ओर से कंडक्शन पेसिंग सिस्टम लगाकर असामान्य हृदय की धड़कन को सामान्य किया गया। बाईं मवाद और मरीज की जान बचाने दाईं तरफ से पेसमेकर डाला गया। दाईं तरफ से पेसिंग का यह तीसरा केस है और इंफेक्शन (infection)के साथ कंडक्शन सिस्टम पेसिंग का पहला केस है। इसके साथ ही मरीज की बेहतरी के पुराना पेसमेकर या वाइस और लिए एंटी बैक्टीरियल एनवेलप भी पेसमेकर के साथ लगाया गया।
इसके साथ बाद बाईं तरफ से डाला गया पुराना पेसमेकर और तार भी निकाल दिया गया है। इसके लिए सबसे पहले हृदय में जहां पेसमेकर लगाया जाना है, वहां तक पहुंचने वाले तार को सुधारा गया। बाईं ओर से जाकर हृदय में पेसमेकर प्रत्यारोपित करने के लिए अंग्रेजी के सी-शेप में कैथेटर अर्थात तार आता है। यहां पर दाईं ओर से जाकर हृदय के दाहिने हिस्से में पेसमेकर प्रत्यारोपित करना था। इसलिए कैथेटर को अंग्रेजी के जेड शेप में मोडिफाई किया गया। तत्पश्चात पेसमेकर को एंटी बैक्टीरियल एनवेलप में डालकर तारों से कनेक्ट किया गया।
सालभर पहले लगाया गया था पेसमेकर
75 वर्षीय पुरुष मरीज को एक निजी अस्पताल में साल भर पहले पेसमेकर लगाया गया था, जो हृदय की धड़कन को नियमित करने के लिए था। तीन महीने बाद ही मरीज के सीने से मवाद निकलने लगा। निजी अस्पताल में पुनः चार बार भर्ती किया गया फिर भी मरीज को बार-बार इफक्शन होता रह तत्पश्चात मरीज आंबेडकर अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट में पहुंचा। डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया, मरीज के दिल की कमजोरी को देखते हुए दो ही विकल्प थे। पहला तीन तार वाले पेसमेकर का प्रत्यारोपण और दूसरा दो तार वाली उन्नत तकनीक वाले पेसमेकर का प्रत्यारोपण। दोबारा इंफेक्शन न हो इसलिए दो तार वाला पेसमेकर कंडक्शन सिस्टम पेसिंग तकनीक के साथ दाईं तरफ से डालने का निर्णय लिया गया।
धड़कन को नियमित करना है पेसमेकर
पेसमेकर मरीज के हृदय की धड़कन को नियमित करता है और हार्ट फेल होने से बचाता है। हृदय के प्राकृतिक विद्युत सिस्टम में खराबी आ जाने के कारण मरीज के हृदय की धड़कन अनियमित धड़क रही थी। पेसमेकर प्रकृति द्वारा प्रदत्त हृदय की आंतरिक तारों से जुड़कर विद्युत तरंगों के प्रवाह को नियमित करता है, जिससे हृदय सही लय और ताल में धड़कता है। इस प्रक्रिया में डॉ. स्मित श्रीवास्तव के साथ मेडिकल टीम में डॉ. प्रतीक गुप्ता, डॉ. अनमोल अग्रवाल, डॉ. बलविंदर सिंह, सीनियर टेक्नीशियन आई. पी. वर्मा, खेम सिंह मांडे, जितेन्द्र चेलकर, नर्सिंग स्टाफ आभा मुक्ता और जॉन शामिल रहे।