राज्य सरकार को हाईकोर्ट का झटका, रेडी टू ईट का उत्पादन ऑटोमेटिक मशीन से करने शासन के आदेश पर रोक

पूर्व सीएम बोले- स्व सहायता समूहों की बहनों को जीत मुबारक, आर-पार की लड़ाई साथ लड़ेंगे;

Update: 2022-01-28 10:14 GMT

बिलासपुर. राज्य सरकार को रेडी टू ईट मामले में हाईकोर्ट से हाई वोल्टेज झटका लगा है. रेडी टू ईट मामले में शासन के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगाकर महिला स्वयं सहायता समूहों को तात्कालिक तौर पर राहत दी है. मामले में पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने स्व सहायता समूहों की बहनों को जीत की बधाई दी है. साथ ही ट्वीट कर राज्य सरकार पर तीखा तंज भी कसा है. डॉ रमन सिंह ने कहा कि मेरी स्व सहायता समूह की बहनों यह जीत मुबारक! रेडी टू ईट मामले में कोर्ट का फैसला आपके हक की जीत है और असंवेदनशील, अराजक सरकार को सबक है. मेरी बहनों डॉ रमन आपके साथ है, आपके हक के लिए इस अहंकारी कांग्रेस सरकार से आर पार की लड़ाई साथ लड़ेंगे और जीतेंगे.

बता दें कि रेडी टू इट मामले में छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णय को चुनौती देते हुए 5 महिला स्वयं सहायता समूहों की 20 हजार महिलाओं की तरफ से बिलासपुर हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. इस जनहित याचिका के पहले 230 अलग-अलग रिट पिटीशन भी दायर की गई थी. गुरुवार को जस्टिस पी सेम कोशी की बेंच में सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शासन के निर्णय पर आगामी सुनवाई तक अंतरिम रोक लगा दी है. इस रोक के बाद अब स्वयं सहायता समूह आगामी सुनवाई तक बिना किसी रोक के पहले की तरह कार्य कर सकेंगे. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट इस मामले में अंतिम सुनवाई 3 और 4 मार्च को तय की गई है. 

गौरलतब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये से महिलाओं और बच्चों में बांटे जाने वाले रेडी टू ईट का उत्पादन ऑटोमेटिक मशीन से कराने का निर्णय लिया है. बीते साल 22 नवंबर को आयोजित भूपेश कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी. भूपेश बघेल सरकार का मानना है कि मशीनों से रेडी टू ईट व्यवस्था अपनाने से आहार की व्यवस्था और गुणवत्ता में सुधार होगा. सरकार के इस फैसले का महिला स्वयं सहायता समूहों ने व्यापक स्तर पाए विरोध किया था. शासन ने जब अपना निर्णय नहीं बदला तो महिला स्व सहायता समूहों ने सरकार को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.



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