राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित होंगी हिमकल्याणी सिन्हा... सामाजिकता के साथ कोरोना काल में रहा महत्वपूर्ण योगदान, पढ़े कैसे हैं बच्चों की पहली पसंद
सामाजिक क्षेत्र में उन्होंने कोरोना पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना एक माह का वेतन दान कर दिया था। कोरेन्टाइन सेंटरो में स्वयं से जाकर प्रवासी मजदूरों को दैनिक आवश्यकता की वस्तुएं उपलब्ध कराती थी।पढ़िए पूरी खबर.....;
बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला सैगोना में पदस्थ शिक्षिका हिम कल्याणी दोनों पैरों से 75 फीसदी दिव्यांग हैं, शिक्षिका हिम कल्याणी सिन्हा इसके बावजूद कभी भी अपनी कमजोरी को अपने कार्यक्षेत्र के बीच बाधा नहीं बनने देती हैं। अपने ट्राय स्कूटी से वो प्रतिदिन 14 किलोमीटर का सफर तय कर स्कूल आना-जाना करती है। 2007 से शासकीय प्राथमिक शाला सैगोना में कार्यभार ग्रहण कर आज पर्यन्त पूरी कर्तव्य निष्ठा लगन के साथ अपने दायित्वों को निभाते हुए शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही है। समय में शाला आना जाना इनके व्यवहार में शामिल है।
बच्चों की करती हैं मदद
कबाड़ से जुगाड़ कर उपयोग हीन वस्तुओ से कई सहायक शिक्षण सामग्री बनाई है जिसका उपयोग लगातार कक्षा में करती है। बच्चों को क्राप्ट वर्क, ओरेगामी पेपर आर्ट सिखाई। पीएलसी अंतर्गत विषय आधारित हिंदी, अंग्रेजी, गणित, पर्यावरण बिग बुक निर्माण की, स्वयं गीत कहानी कविता की रचना कर बच्चों तक पहुँचाती है। इनके कार्यों को यूट्यूब चैनल पर भी देखा जा सकता है। आर्थिक रूप से असक्षम या जिनके माता पिता नहीं है, ऐसे बच्चों की पढ़ाई लिखाई में मदद करती है, उन्हें आवश्यक सामग्री जैसे पेन, कॉपी, बैग कम्पास बॉक्स आदि प्रदान करती है। बालिका शिक्षा को भी प्रोत्साहित की। स्वयं के व्यय से कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को टाई और बेल्ट वितरण की, पर्व विशेष में बच्चों को पेन, कॉपी, रुमाल, पेन्सिल, हेयर बेल्ट, कम्पास बॉक्स आदि प्रदान करती रहती है जिससे बच्चों को बहुत सहयोग होता है।
कोविड में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
कोरोना काल में सभी को ज्ञात है की कोरोना की भयंकर त्रासदी आयी थी। जहां लोग अपने घर से निकल नहीं पाते थे स्कूले बंद हो गयी थी। बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो गयी। तब बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने हेतु हिमकल्याणी सिन्हा अपनी परेशानी को किनारा करते हुए सैगोना में मां शीतला प्रांगण में मोहल्ला क्लास लेने की सोची। पूरी तरह से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सर्वप्रथम पालकों को जागरूक की, युवाओं को जागरूक की। स्वयं के व्यय से गांव में मास्क और सैनेटाइजर वितरण किया, बच्चें क्लास में जुड़ने लगे, शिक्षिका नियमित रूप से कक्षा संचालन की, जिसका निरीक्षण शिक्षा सचिव भी किये थे।
एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में किया दान
सामाजिक क्षेत्र में उन्होंने कोरोना पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना एक माह का वेतन दान कर दिया था। कोरेन्टाइन सेंटरो में स्वयं से जाकर प्रवासी मजदूरों को दैनिक आवश्यकता की वस्तुएं उपलब्ध कराती थी। गांव में दुकान, रोजी मजदूरी ज़ब बंद हो गया तो जरूरतमंद लोगों तक जरुरत की सामग्री पहुंचाती थी। तीन बार रक्तदान कर चुकी है और दूसरों को भी रक्तदान हेतु प्रेरित करती है।
कई बार हो चुकी हैं सम्मानित
शिक्षिका हिम कल्याणी सिन्हा अपने उत्कृष्ट कार्यों के चलते कई सम्मान से सम्मानित भी हुई है। 2019-20 मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण, 2021 में कोरोना योद्धा सम्मान, 2022 में उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, 2022 पढ़ई तुंहर दुवार में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए सम्मानित हुई, सी जी पोर्टल में दो बार हमारे नायक के रूप में स्थान मिला था, सृजनशील शिक्षक सम्मान, बेस्ट टीचर अवार्ड, कई सामाजिक संस्थाओ से भी सम्मानित हुई है, शिक्षिका का पोस्टर पूरे छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलो में लगाया गया है जो बड़ी उपलब्धि है।